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Question

Q. With reference to the ‘Priority Sector Lending’ in India, which of the following statements are correct?

Select the correct answer using the codes given below:

Q. भारत में 'प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण ' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन से सही हैं? निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

A

1 and 2 only
केवल 1 और 2
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B

2 and 3 only
केवल 2 और 3
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C

1 and 3 only
केवल 1 और 3
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D

1, 2 and 3
1, 2 और 3
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Solution

The correct option is C
1 and 3 only
केवल 1 और 3
Explanation:

Priority sector means those sectors which the Government of India and Reserve Bank of India consider as important for the development of the basic needs of the country and are to be given priority over other sectors. The banks are mandated to encourage the growth of such sectors with adequate and timely credit. Some of these sectors include:
  • Agriculture
  • Micro, Small and Medium Enterprises (MSME)
  • Export Credit
  • Education
  • Housing
  • Social Infrastructure
  • Renewable Energy etc.
Statement 1 is correct: All scheduled commercial banks and foreign banks (with a sizable presence in India) are mandated to set aside 40% of their Adjusted Net Bank Credit (ANBC) for lending to the above priority sectors.

Statement 2 is incorrect: Reserve Bank of India mandated that the Regional Rural Banks, Co-operative Banks and Small Finance Banks have to allocate 75% of their Adjusted Net Bank Credit (ANBC) for lending to the priority sectors.

Statement 3 is correct: In August, 2020, the Reserve Bank of India has assigned priority sector lending (PSL) status to India’s startup sector. This is a huge booster for the start up sector in India, as sufficient funding and user adoption are two primary challenges for Indian entrepreneurs.

व्याख्या:

प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र का अर्थ उन क्षेत्रों से है जिन्हें भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक देश की बुनियादी आवश्यकताओं के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण मानते हैं और जिन्हें अन्य क्षेत्रों की तुलना में प्राथमिकता दी जाती है। बैंकों के लिए ऐसे क्षेत्रों के विकास को पर्याप्त और समयबद्ध ऋण प्रदान कर प्रोत्साहित करना अनिवार्य है। इन क्षेत्रों में शामिल हैं:
  • कृषि
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई)
  • निर्यात ऋण
  • शिक्षा
  • आवास
  • सामाजिक अवसंरचना
  • अक्षय ऊर्जा आदि।
कथन 1 सही है: सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और विदेशी बैंकों (जिनकी भारत में व्यापक उपस्थिति है) को उपर्युक्त प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण देने के लिए अपने समायोजित निवल बैंक ऋण (Adjusted Net Bank Credit-ANBC) का 40 प्रतिशत अलग रखना अनिवार्य है।

कथन 2 गलत है: भारतीय रिजर्व बैंक ने अनिवार्य किया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और लघु वित्त बैंकों जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण देने के लिए अपने समायोजित निवल बैंक ऋण का 75 प्रतिशत आवंटित करना होगा।

कथन 3 सही है: अगस्त, 2020 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत के स्टार्टअप क्षेत्र को प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र का दर्जा दिया है। यह भारत में स्टार्टअप क्षेत्र के लिए एक महत्त्वपूर्ण सहयोग है, क्योंकि पर्याप्त वित्तपोषण और उपयोगकर्त्ता द्वारा अपनाया जाना भारतीय उद्यमियों के लिए दो प्राथमिक चुनौतियाँ हैं।

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