wiz-icon
MyQuestionIcon
MyQuestionIcon
1
You visited us 1 times! Enjoying our articles? Unlock Full Access!
Question

Q. With reference to the relation between the President and the Council of Ministers in India, consider the following statements:

1. The Council of Ministers does not cease to exist even after the President dissolves the Lok Sabha.
2. If the Lok Sabha loses a majority, it has to be dissolved by the President.
3. In case of a Caretaker Government, the President has to act according to aid and advice of the Government.
4. During exercise of veto powers, the President may negate the advice of the Council of Ministers.

Which of the above given statements is/are correct?

Q. भारत में राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच संबंध के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा को भंग किए जाने के बाद भी मंत्रिपरिषद का अस्तित्व रहता है।
2. यदि लोकसभा बहुमत खो देती है, तो उसे राष्ट्रपति द्वारा भंग किया जायेगा।
3. एक कार्यवाहक सरकार के मामले में, राष्ट्रपति को सरकार की सहायता और सलाह के अनुसार कार्य करना होता है।
4. वीटो शक्तियों के प्रयोग के दौरान राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह को ठुकरा सकता है।

ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है / हैं?

A

1, 2 and 3 only
केवल 1, 2 और 3
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
B

3 and 4 only
केवल 3 और 4
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
C

1, 2 and 4 only
केवल 1, 2 और 4
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
D

1 and 4 only
केवल 1 और 4
Right on! Give the BNAT exam to get a 100% scholarship for BYJUS courses
Open in App
Solution

The correct option is D
1 and 4 only
केवल 1 और 4
Explanation:

Article 74 provides for a Council of Ministers with the Prime Minister at the head to aid and advise the president in the exercise of its functions.

Statement 1 is correct: In 1971 the Supreme Court held that even after the dissolution of Lok Sabha the Council of Ministers does not cease to hold office, article 74 is therefore mandatory and the president cannot exercise the executive power without the aid and advice of the Council of Ministers. Any exercise of executive power without the aid and advice will be unconstitutional as being violative of article 74.

Statement 2 is incorrect: When no political party or coalition of parties enjoys the majority in the Lok Sabha, then the President has discretion in inviting the leader of that party or coalition of parties who in his opinion is able to form a stable government. It is for the president to decide if he should dissolve Loksabha or not when the Council of Ministers loses the majority in Lok Sabha. The President can dissolve Lok Sabha only on the advice of the Council of Ministers but the advice is binding only if the government is a majority government.

Statement 3 is incorrect: A caretaker government is one that does not enjoy the confidence of the Lok Sabha and hence it is not expected to take major decisions but only to make the day-to-day administrative decisions. It is for the President to decide the day-to-day decisions. Hence, he is not bound by its aid and advice and may enjoy situational discretion in this regard unless there is majority government at the helm.

Statement 4 is correct: In case of the power of Pocket veto, the President is not bound by decision or advice of the Council of Ministers. This is not a provision mentioned in the Indian constitution, but this is a possible situation when the President of India can use his discretionary power. In this case, the President neither ratifies or rejects nor returns the bill, but simply keeps the bill pending for an indefinite period.

व्याख्या:

अनुच्छेद 74 के अनुसार प्रधान मंत्री के अतिरिक्त एक मंत्रिपरिषद होगी जो राष्ट्रपति को सलाह प्रदान करेगी।

कथन 1 सही है: 1971 में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि लोकसभा के विघटन के बाद भी मंत्रिपरिषद पद पर बनी रह सकती है, अतः अनुच्छेद 74 इसलिए अनिवार्य है ताकि राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के बिना कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग नहीं करे। अनुच्छेद 74 के अनुसार बिना मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के कार्यकारी शक्ति का प्रयोग असंवैधानिक होगा।

कथन 2 गलत है: जब कोई भी राजनीतिक दल या पार्टियों का गठबंधन लोकसभा में बहुमत प्राप्त नहीं करता है, तो राष्ट्रपति स्वविवेकाधिन् शक्तियों से उस पार्टी के नेता या पार्टियों के गठबंधन के नेता को आमंत्रित करता है जो उनकी राय में एक स्थिर सरकार देने में सक्षम होता है। यह तय करना राष्ट्रपति का काम है की वह लोकसभा में बहुमत खो देता है या नहीं, या उसे लोकसभा भंग करनी चाहिए या नहीं। राष्ट्रपति केवल मंत्रिपरिषद की सलाह पर लोकसभा को भंग कर सकता है, लेकिन यह सलाह केवल तभी लागू होती है जब सरकार बहुमत वाली हो।

कथन 3 गलत है: एक कार्यवाहक सरकार वह है जिसे लोकसभा में विश्वास हासिल नहीं है और इसलिए यह बड़े फैसले नहीं ले सकती है, बल्कि यह केवल दिन-प्रतिदिन के प्रशासनिक फैसले ही लेती है। यह सिर्फ राष्ट्रपति के दिन-प्रतिदिन के निर्णय लेने में सहायक है। इसलिए, वह इसकी सहायता और सलाह के लिए बाध्य नहीं है और इस संबंध में राष्ट्रपति स्थितिजन्य विवेक की शक्ति का प्रयोग कर सकता है जब तक कि केंद्र में बहुमत की सरकार न हो।

कथन 4 सही है: पॉकेट वीटो की शक्ति के मामले में राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद के निर्णय या सलाह मानने के लिए बाध्य नहीं होता है। यह भारतीय संविधान में उल्लिखित प्रावधान नहीं है, लेकिन यह एक संभावित स्थिति है जब भारत के राष्ट्रपति अपनी विवेकाधीन शक्ति का उपयोग कर सकते हैं। इस मामले में, राष्ट्रपति न तो बिल की पुष्टि करता है और न ही उसे वापस करता है , बल्कि बस अनिश्चित काल के लिए बिल को लंबित रखता है।

flag
Suggest Corrections
thumbs-up
6
similar_icon
Similar questions
Q. Q. With reference to the relation between the President and the Council of Ministers in India, consider the following statements:Which of the above given statements are correct?

Q. भारत में राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच के संबंध के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
  1. राष्ट्रपति के द्वारा लोकसभा को भंग करने के बाद भी मंत्रिपरिषद का अस्तित्व समाप्त नहीं होता है।
  2. यदि सरकार लोकसभा में बहुमत खो देती है, तो राष्ट्रपति को मंत्रिपरिषद भंग करना पड़ता है।
  3. एक कार्यवाहक सरकार के मामले में, राष्ट्रपति को सरकार की सहायता और सलाह के अनुसार कार्य करना होता है।
  4. वीटो शक्तियों के प्रयोग के दौरान राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की सलाह को ठुकरा सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?

  1. 1, 2 and 3 only
    केवल 1, 2 और 3

  2. 3 and 4 only
    केवल 3 और 4

  3. 1, 2 and 4 only
    केवल 1, 2 और 4

  4. 1 and 4 only
    केवल 1 और 4
Q. Q. With reference to discretionary powers of the President, consider the following statements:

1. He can appoint the prime minister on his discretion when no party has a clear majority in Lok Sabha.
2. He can commute a death sentence on his discretion.
3. He can dismiss the council of ministers, when it cannot prove the confidence of the Lok Sabha.
4. He can dissolve the Lok Sabha if the council of ministers has lost its majority.

Which of the statements given above are correct?

Q. राष्ट्रपति की विवेकाधीन शक्तियों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. जब किसी भी दल के पास लोकसभा में स्पष्ट बहुमत न हो तो, वह अपने विवेक से प्रधानमंत्री की नियुक्ति कर सकता है।
2. वह अपने विवेक से मौत की सजा का फैसला कर सकता है।
3. वह मंत्रिपरिषद को बर्ख़ास्त कर सकता है, जब यह लोकसभा के विश्वास को साबित नहीं कर सके।
4. वह लोकसभा को भंग कर सकता है यदि मंत्रिपरिषद अपना बहुमत खो देती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?

View More
Join BYJU'S Learning Program
similar_icon
Related Videos
thumbnail
lock
The Powers of the President
CIVICS
Watch in App
Join BYJU'S Learning Program
CrossIcon