Q. With reference to the reservation provided to persons belonging to the Scheduled Castes and Scheduled Tribes, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित व्यक्तियों को प्रदान किए गए आरक्षण के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A
1 only
केवल 1
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B
2 only
केवल 2
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C
2 and 3 only
केवल 2 और 3
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D
1, 2 and 3
1, 2 और 3
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Solution
The correct option is B
2 only
केवल 2 Explanation:
A five-judge Bench of the Supreme Court recently held that States can sub-classify Scheduled Castes and Scheduled Tribes in the Central List to provide preferential treatment to the “weakest out of the weak”.
Statement 1 is incorrect: Under the Articles 341 and 342 of the Indian Constitution, the President notifies the central list of the Scheduled Castes and Scheduled Tribes (Not the Parliament).
Statement 2 is correct: States cannot unilaterally add or pull out castes from the List because Parliament's consent is required to exclude or include Scheduled castes or Scheduled Tribes in the list.
Statement 3 is incorrect: Justice G. Rohini Commission was formed for the sub-categorization of the Other Backward Classes (OBCs). Recently in the State of Punjab vs Davinder SIngh case, the Supreme Court upheld the subcategorization of Scheduled Castes and Scheduled Tribes. This judgement overturned the judgement of E.V. Chinnaiah Case. In that case the Supreme Court held that allowing states to unilaterally make subcategorization of Scheduled Castes or Scheduled Tribes would amount to tinkering with the Presidential list.
व्याख्या:
सर्वोच्च न्यायालय की पाँच-न्यायाधीशों वाली एक खंडपीठ ने हाल ही में कहा है कि राज्य केंद्र सूची की अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का उप-वर्गीकरण "कमजोरों में सबसे कमजोर" को सहयोग प्रदान करने के लिए कर सकते हैं।
कथन 1 गलत है: भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 और 342 के तहत, राष्ट्रपति (संसद नहीं) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की केंद्रीय सूची को अधिसूचित करते हैं।
कथन 2 सही है: राज्य एकतरफा रूप से किसी भी अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति को सूची में शामिल या सूची से बाहर नहीं कर सकते, क्योंकि सूची से अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति को बाहर या शामिल करने के लिए संसद की सहमति आवश्यक है।
कथन 3 गलत है: न्यायमूर्ति जी. रोहिणी आयोग का गठन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उप-वर्गीकरण के लिए किया गया था। हाल ही में पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उप-वर्गीकरण को बरकरार रखा। इस फैसले ने ई.वी. चिन्नाया वाद में दिए गए निर्णय को पलट दिया। उस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्यों को एकतरफा रूप से अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उप-वर्गीकरण की अनुमति देना राष्ट्रपति की सूची के साथ छेड़छाड़ होगी।