The correct option is
D
1 and 2 only
केवल 1 और 2
Explanation:
Rowlatt Act, (February 1919) was passed by the Imperial Legislative Council, the legislature of British India. The act allowed certain political cases to be tried without juries and permitted internment of suspects without trial. Their object was to replace the repressive provisions of the wartime Defence of India Act (1915) by a permanent law. They were based on the report of Justice S.A.T. Rowlatt’s committee of 1918.
Statement 1 is correct: The acts allowed certain political cases to be tried without juries and permitted internment of suspects without trial.
Statement 2 is correct:
- This act authorised the British government to arrest anybody suspected of terrorist activities.
- It also authorised the government to detain such people arrested for up to 2 years without trial.
- It empowered the police to search for a place without a warrant.
- It also placed severe restrictions on the freedom of the press.
Statement 3 is incorrect: Ultimately, the legislation recommended by the Rowlatt report was never enforced and the legislation was repealed quietly in September 1921. By then, emergency legislation such as the Defence of India Act had expired and other repressive measures – the Indian Press Act of 1910, and the Seditious Meetings Acts of 1908 – were not being enforced.
व्याख्या:
रोलेट एक्ट, (फरवरी 1919) को ब्रिटिश भारत की विधायिका, इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल द्वारा पारित किया गया था। इस अधिनियम ने कुछ राजनैतिक मामलों में बिना किसीपीठ के मुकदमे के चलाने और बिना किसी मुकदमे के संदिग्धों को नजरबंद करने की अनुमति दी। इसका उद्देश्य स्थायी कानून द्वारा भारतीय रक्षा अधिनियम (1915) के दमनकारी प्रावधानों को बदलना था।यह 1918 की जस्टिस एस.ए.टी रौलट की समिति की रिपोर्ट पर आधारित था।
कथन 1 सही है:इस एक्ट द्वारा कुछ राजनीतिक मामलों के कृत्यों को बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया के चलाने और बिना किसी मुकदमे के संदिग्धों को नज़रबंद करने की अनुमति दी।
कथन 2 सही है:इस अधिनियम ने ब्रिटिश सरकार को ऐसे किसी भी संदिग्ध को गिरफ्तार करने के लिए अधिकृत किया जो आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हो । इसके प्रावधान के अनुसार सरकार को ऐसे लोगों को बिना किसी मुकदमे के 2 साल तक हिरासत में रखने हेतु अधिकृत किया। इसने पुलिस को बिना वारंट के किसी भी जगह की तलाशी करने का अधिकार दिया,साथ ही इसने प्रेस की स्वतंत्रता पर गंभीर प्रतिबंध लगा दिए।
कथन 3 गलत है:अंतत: रौलट रिपोर्ट द्वारा सुझाए गए कानून को कभी लागू नहीं किया गया और सितंबर 1921 में इस कानून को चुपचाप निरस्त कर दिया गया। तब तक, आपातकालीन कानून जैसे कि डिफेंस ऑफ इंडिया एक्ट की अवधि समाप्त हो गई थी और अन्य दमनकारी उपाय जैसे - 1910 का भारतीय प्रेस अधिनियम और 1908 का सेडेटियस मीटिंग अधिनियम -लागू नहीं किये जा सके ।