The correct option is A
1, 2 and 4 only
केवल 1, 2 और 4
Explanation:
Statement 1 is correct: In fixing the assessment, the revenue officers surveyed each field, considered the soil quality as well as the field area and then fixed the assessment on it based on their survey.
Statement 2 is correct: In 1792, two officers Munro and Read were sent to administer the newly conquered regions of Madras. They found that there were no large zamindars with large estates in these regions with whom land revenue settlement could be made. They therefore recommended that settlement should be made directly with the actual cultivators or ‘ryots’.
Statement 3 is incorrect: The Ryotwari Settlement was implemented in Madras, Bombay, East Bengal, Assam and Coorg. It covered 51 percent of British India, higher than other land revenue systems like the Permanent Settlement and Mahalwari System.
Statement 4 is correct: Under this system the government officers began to compel the ryots to cultivate land against their wishes and used to employ oppressive methods of revenue collection. To check this Madras Torture Commission was set up in 1854.
व्याख्या:
कथन 1 सही है: मूल्यांकन को तय करने के लिए राजस्व अधिकारियों ने प्रत्येक क्षेत्र का सर्वेक्षण किया, मृदा की गुणवत्ता के साथ-साथ कृषि क्षेत्र पर ध्यान दिया और सर्वेक्षण के आधार पर इसका मूल्यांकन तय किया गया।
कथन 2 सही है: 1792 में, दो अधिकारियों मुनरो और रीड को मद्रास के नए विजित क्षेत्रों में प्रशासन हेतु भेजा गया। उन्होंने पाया कि इन क्षेत्रों में बड़े जमींदार नहीं थे, जिनके साथ भू-राजस्व समझौता किया जा सके। इसलिए उन्होंने सिफारिश की कि भू-राजस्व को सीधे कृषकों या 'रैयतों' के साथ किया जाना चाहिए।
कथन 3 गलत है: मद्रास, मुंबई, पूर्वी बंगाल, असम और कूर्ग में रैयतवाड़ी प्रणाली को लागू किया गया था। इसने ब्रिटिश भारत के 51 प्रतिशत हिस्से को कवर किया, जो स्थायी बंदोबस्त और महलवाड़ी प्रणाली जैसी अन्य भूमि राजस्व प्रणालियों से अधिक था।
कथन 4 सही है: इस प्रणाली के तहत सरकारी अधिकारियों ने रैयतों को उनकी इच्छा के विरुद्ध भूमि पर खेती करने के लिए मजबूर किया और राजस्व संग्रह की दमनकारी तरीकों का उपयोग किया। इसकी जाँच के लिए 1854 में मद्रास यातना आयोग की स्थापना की गई थी।