Q. With reference to the Sal Forest Tortoise, recently seen in the news, consider the following statements:
Which of the statements given above are correct?
Q. हाल ही में चर्चा में रहे साल वन कछुआ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
Explanation: A recent analysis by ecologists at the Wildlife Institute of India (Dehradun) found that over 90% of the possible range of the Sal forest tortoise fell beyond the network of the current protected area. This species faces severe habitat loss due to deforestation and expansion of agriculture and urbanization. According to the IUCN estimates its population may have fallen by about 80% in the last three generations (90 years). This species is widely hunted for food and other local uses such as decorative masks.
Statement 1 is incorrect: The Sal Forest Tortoise is also known as the elongated tortoise (Indotestudo elongata) is not endemic to the Indian subcontinent, it is found in the South-East Asian region as well. In India, it is widely found in northern and eastern India.
Statements 2 and 3 are correct: IUCN placed this species in the category of “Critically endangered” list of species. It has been placed under Schedule IV of the Wildlife (Protection) Act of 1972.
व्याख्या: भारतीय वन्यजीव संस्थान (देहरादून) के पारिस्थितिकीविदों द्वारा किए गए एक हालिया विश्लेषण में पाया गया कि साल वन कछुओं का 90% से अधिक वितरण वर्तमान संरक्षित क्षेत्र के नेटवर्क के बाहर मौजूद है। वनों की कटाई तथा कृषि और शहरीकरण के विस्तार के कारण इस प्रजाति के सामने आवास हानि की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। IUCN के अनुमान के अनुसार, इसकी आबादी आने वाले 90 वर्षों में लगभग 80% तक कम हो सकती है। इस प्रजाति का व्यापक रूप से भोजन के लिए और अन्य स्थानीय उपयोग जैसे सजावटी मुखौटे के लिए शिकार किया जाता है।
कथन 1 गलत है: साल वन कछुआ को एलोंगेटेड कछुआ (Elongated Tortoise) के रूप में भी जाना जाता है। यह भारतीय उपमहाद्वीप के लिए स्थानिक नहीं है, यह दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में भी पाया जाता है। भारत में, यह उत्तरी और पूर्वी भारत में व्यापक रूप से पाया जाता है।
कथन 2 और 3 सही हैं: IUCN ने इस प्रजाति को "गंभीर रूप से संकटग्रस्त" प्रजातियों की सूची में रखा है। इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची IV के तहत रखा गया है।