Q. With reference to the Sixth Schedule of the Constitution of India, which was recently in the news, consider the following statements:
Which of the statements given above are correct?
Q. हाल ही में चर्चा में रही भारत के संविधान की छठी अनुसूची के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
Explanation: The Arunachal Pradesh Assembly passed a resolution to bring the state under the ambit of Sixth Schedule of the Constitution of India in August, 2020. The Sixth Schedule of the Constitution of India contains special provisions for the administration of tribal areas in the four north-eastern states of Assam, Meghalaya, Tripura and Mizoram.
Statement 1 is correct: As per Sixth Schedule, the tribal areas in the four states of Assam, Meghalaya, Tripura and Mizoram have been constituted as autonomous districts. But, they do not fall outside the executive authority of the states concerned.
Statement 2 is correct: As per Sixth Schedule, the governor is empowered to divide an autonomous district (in the four states of Assam, Meghalaya, Tripura and Mizoram) into several autonomous regions if there are different tribes in an autonomous district.
Statement 3 is incorrect: Each autonomous district has a district council consisting of 30 members, of whom four are nominated by the governor and the remaining 26 are elected on the basis of adult franchise. The term of office for all the elected members of the District Council of an autonomous district (in the four states of Assam, Meghalaya, Tripura and Mizoram) is 5 years. Nominated members hold office during the pleasure of the governor.
Statement 4 is correct: In the Sixth Schedule Areas the acts of Parliament or the state legislature do not apply to autonomous districts and autonomous regions or apply with specified modifications and exceptions. The power of direction, in this regard, lies with the Governor of Assam in respect of acts of both Parliament and state legislature. But in the case of Tripura, Mizoram and Meghalaya it lies with the President in respect of acts of Parliament and governor in respect of acts of the state legislature.
व्याख्या : अगस्त, 2020 में अरुणाचल प्रदेश विधानसभा ने राज्य को भारत के संविधान की छठी अनुसूची के दायरे में लाने का प्रस्ताव पारित किया। संविधान की छठी अनुसूची में चार उत्तर-पूर्वी राज्यों, यथा असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं।
कथन 1 सही है: छठी अनुसूची के अनुसार, चार राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में मौजूद जनजातीय क्षेत्रों को स्वायत्त जिलों के रूप में गठित किया गया है। लेकिन, वे संबंधित राज्यों के कार्यकारी अधिकार-क्षेत्र के बाहर नहीं हैं।
कथन 2 सही है: छठी अनुसूची के अनुसार, राज्यपाल को एक स्वायत्त जिले (चार राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम) में विभिन्न जनजातियों के होने की स्थिति में उसे कई स्वायत्त क्षेत्रों में विभाजित करने का अधिकार है।
कथन 3 गलत है: प्रत्येक स्वायत्त जिले में एक जिला परिषद होती है जिसमें 30 सदस्य होते हैं, जिनमें से चार राज्यपाल द्वारा मनोनीत किए जाते हैं और शेष 26 वयस्क मताधिकार के आधार पर चुने जाते हैं। एक स्वायत्त जिले के जिला परिषद (असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के चार राज्यों में) के सभी निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष है। मनोनीत सदस्य राज्यपाल के प्रसादपर्यंत पद धारण करते हैं।
कथन 4 सही है: छठी अनुसूची क्षेत्रों में संसद या राज्य विधानमंडल के अधिनियम स्वायत्त जिलों और स्वायत्त क्षेत्रों पर लागू नहीं होते हैं या वे निर्दिष्ट संशोधनों और अपवादों के साथ लागू होते हैं। संसद और राज्य विधायिका दोनों के क़ानून के संबंध में दिशानिर्देश की शक्ति असम के राज्यपाल में निहित है। लेकिन त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय के मामले में यह राज्य की विधायिका के अधिनियमों के संबंध में राज्यपाल, तथा संसद के अधिनियमों के संबंध में राष्ट्रपति में निहित है।