Q. With reference to the Union Public Service Commission (UPSC), consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation: The Union Public Service Commission (UPSC) is the central recruiting agency in India. It is an independent constitutional body. Articles 315 to 323 in Part XIV of the Constitution contain elaborate provisions regarding the composition, appointment and removal of members, along with the independence, powers and functions of the UPSC. It is concerned with the recruitment to the all-India and central services —group A and group B.
Statement 1 is incorrect: UPSC is not concerned with the classification of services, pay and service conditions, cadre management, training, etc. This is handled by the Department of Personnel and Training of the Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions.
Statement 2 is incorrect: The Supreme Court has held that if the government fails to consult UPSC in the matters of appointment or in disciplinary cases, the aggrieved public servant has no remedy in court. In other words, the court held that any irregularity in consultation with the UPSC or acting without consultation does not invalidate the decision of the government. Thus, the provision is directory and not mandatory.
Statement 3 is correct: The additional functions relating to the services of the Union can be conferred on UPSC by Parliament. It can place the personnel system of any authority, corporate body or public institution within the jurisdiction of the UPSC. Hence, the jurisdiction of UPSC can be extended by an act made by the Parliament.
व्याख्या: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारत की एक केंद्रीय भर्ती एजेंसी है। यह एक स्वतंत्र संवैधानिक निकाय है। संविधान के भाग XIV में अनुच्छेद 315 से 323 में UPSC की स्वतंत्रता, शक्तियों और कार्यों के साथ-साथ सदस्यों की संरचना, नियुक्ति और निष्कासन के बारे में विस्तृत प्रावधान हैं। यह अखिल भारतीय और केंद्रीय सेवाओं के समूह A और समूह B में भर्ती से संबंधित है।
कथन 1 गलत है: UPSC सेवाओं के वर्गीकरण, वेतन और सेवा शर्तों, संवर्ग प्रबंधन, प्रशिक्षण आदि से संबंधित नहीं है। इसका नियंत्रण कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा किया जाता है।
कथन 2 गलत है: सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि अगर सरकार नियुक्ति के मामलों में या अनुशासनात्मक मामलों में UPSC से परामर्श करने में विफल रहती है, तो पीड़ित लोक सेवक के पास न्यायालय उपचार नहीं है। दूसरे शब्दों में, अदालत ने माना कि UPSC के साथ परामर्श में कोई भी अनियमितता या परामर्श के बिना कार्य करना सरकार के निर्णय को अमान्य नहीं करता है। इस प्रकार, इस प्रावधान की प्रकृति निर्देशन की है न की अनिवार्य ।
कथन 3 सही है: संसद द्वारा संघ की सेवाओं से संबंधित अतिरिक्त कार्य संघ लोक सेवा आयोग को प्रदान किए जा सकते हैं। यह UPSC के अधिकार क्षेत्र में किसी भी प्राधिकरण, कॉर्पोरेट निकाय या सार्वजनिक संस्थान की कार्मिक प्रणाली को स्थापित कर सकता है। इसलिए UPSC के अधिकार क्षेत्र को संसद द्वारा बनाए गए एक अधिनियम द्वारा बढ़ाया जा सकता है।