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Question

Q. With regard to the “Domestic Systemically Important Banks” (D-SIBs) in India, consider the following statements.

Which of the above given statements is/are correct?

Q. भारत में "घरेलू प्रणालीगत महत्त्वपूर्ण बैंक" (D-SIBs) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

A

1 and 2 only
केवल 1 और 2
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B

2 only
केवल 2
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C

1 and 3 only
केवल 1 और 3
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D

1, 2 and 3
1, 2 और 3
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Solution

The correct option is A
1 and 2 only
केवल 1 और 2
Explanation:

Statement 1 is correct:
Domestic Systemically Important Banks (D-SIBs) refers to those banks that are too big to fail. Due to their size, cross-jurisdictional activities, complexity and lack of substitute and interconnection, some banks become systemically important and if such banks fail, there would be significant disruption to the essential services they provide to the banking system and the overall economy.

Statement 2 is correct: This tag of too-big-to-fail also indicates that in case of distress, the government is expected to support these banks. But, no written guarantee is provided by the government.

Statement 3 is incorrect: Both public and private sector banks (whose assets exceed 2% of GDP) can be classified by the Reserve Bank of India as D-SIBs. At present, State Bank of India, ICICI, and HDFC Banks are recognized as D-SIBs.
Perspective:

Context:
Domestic Systemically Important Banks are recently in the news, due to ongoing issues in the Banking sector e.g Non Performing Assets (NPA).

Aspirants can approach the question with basic knowledge of India's banking sector and apply the elimination technique.

In India’s banking sector, private sector banks have become more prominent in terms of deposit and lending in the economy e.g HDFC, ICICI, etc. In this case, the failure of private sector banks also can cause significant disruption to the economy. Thus, they can also be recognized as systemically important banks. Further we can observe that there is an extreme word, ‘only’ in the statement. Hence, we can infer the statement to be incorrect by this logic as well. By eliminating the statement 3, we have options (a) and (b).
Now, by deciphering the term “Domestic Systemically Important Banks (D-SIBs)” we can mark statement 1 as correct. Hence, the Option (a) is the answer.

व्याख्या:

कथन 1 सही है:
घरेलू प्रणालीगत महत्त्वपूर्ण बैंक (D-SIBs) उन बैंकों को संदर्भित करता है जो इतने बड़े हो चुके हैं कि आसानी से विफल नहीं हो सकते हैं। उनके आकार, क्रॉस-ज्यूरिडिक्शनल गतिविधियाँ, जटिलता, विकल्प की कमी और परस्पर संबंध के कारण कुछ बैंक व्यवस्थित रूप से महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं, और यदि ऐसे बैंक विफल हो जाते हैं तो बैंकिंग प्रणाली और समग्र अर्थव्यवस्था को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सेवाओं में व्यापक व्यवधान होगा।

कथन 2 सही है: टू बिग टू फेल (too-big-to-fail ) का टैग यह भी इंगित करता है कि संकट की स्थिति में सरकार को इन बैंकों का समर्थन करना चाहिए। परंतु, इस संदर्भ में सरकार द्वारा कोई लिखित गारंटी नहीं दी जाती है।

कथन 3 गलत है: सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक (जिनकी परिसंपत्ति जीडीपी के 2 प्रतिशत से अधिक है) को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा D-SIBs के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। वर्तमान में, भारतीय स्टेट बैंक, ICICI और HDFC बैंक को D-SIBs के रूप में मान्यता प्राप्त है।
परिप्रेक्ष्य:

संदर्भ:
बैंकिंग क्षेत्र में चल रहे विभिन्न मुद्दों जैसे तनावग्रस्त परिसंपत्तियों (एनपीए) के कारण घरेलू प्रणालीगत महत्त्वपूर्ण बैंक हाल ही में चर्चा में हैं।

अभ्यर्थी भारत के बैंकिंग क्षेत्र के बुनियादी ज्ञान के साथ एवं विलोपन तकनीक को अपना कर इस प्रश्न को हल कर सकते हैं।

भारत के बैंकिंग क्षेत्र में निजी क्षेत्र के बैंकों जैसे HDFC और ICICI इत्यादि का भी जमा और ऋण प्रदान करने के मामले में अर्थव्यवस्था में विशिष्ट स्थान हो गया है। इस कारण निजी क्षेत्र के बैंकों की विफलता भी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा व्यवधान पैदा कर सकती है। अतः उन्हें भी घरेलू प्रणालीगत महत्त्वपूर्ण बैंकों के रूप में मान्यता प्रदान की जा सकती है। इसके अलावा, हम देख सकते हैं कि कथन में एक नितांत शब्द 'केवल' है। इसलिए, हम इस तर्क से कथन के गलत होने का अनुमान लगा सकते हैं। कथन 3 को खारिज करने के पश्चात हमारे पास विकल्प (a) और (b) हैं।
अब, "घरेलू प्रणालीगत महत्त्वपूर्ण बैंक (D-SIBs)" शब्द को परिभाषित करके हम कथन 1 को सही मान सकते हैं। इसलिए, विकल्प (a) उत्तर है।

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Q. Q. With reference to Global Systemically Important Banks (G-SIBs) under BASEL Norms, consider the following statements:

1. It is a bank whose systemic risk profile is considered to be of such importance that its failure could result in a wider financial crisis, threatening the global economy.
2. The list of G-SIBs is identified annually by the Basel Committee on Banking Supervision.
3. On the line of G-SIBs, RBI has currently announced only SBI and ICICI as Domestic Systemically Important Banks (D-SIBs).

Which of the statements given above is/are correct?

Q. बेसल मानकों के तहत 'व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंकों' (G-SIBs) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. यह एक ऐसा बैंक है जिसकी प्रणालीगत जोखिम प्रोफ़ाइल को इस तरह के महत्व के रूप में माना जाता है कि इसकी विफलता के कारण व्यापक आर्थिक संकट पैदा हो सकता है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को खतरा हो सकता है।
2. G-SIBs की सूची को बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बेसल समिति द्वारा प्रतिवर्ष पहचाना की जाती है।
3. G-SIB की तर्ज पर, RBI ने वर्तमान में केवल SBI और ICICI को घरेलू व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बैंक (D-SIB) घोषित किया है।

ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा सही है / हैं?
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