The correct option is
B
2 only
केवल 2
Explanation:
To quell the concerns of market participants over rising bond yields Reserve Bank of India (RBI) assured maintaining the current accommodative policy stance until the economy is back on track and enthused the markets with the Government Securities Acquisition Programme (G-SAP). Under the G-SAP, RBI will purchase older government securities worth Rs 1 lakh crore in the first quarter of Financial Year 2021-22. RBI also announced that it will continue with a Variable Rate Reverse Repo (VRRR) to suck excess liquidity in the system.
Statement 1 is incorrect: The G-SAP is introduced by the RBI mainly to calm bond markets. Yields of 10-year bonds, which were hovering around 5.9% prior to the Union Budget 2021-22. But after the passing of the Budget, it was hovering around 6.2% largely due to the huge borrowings by the central government (₹12.03 lakh in FY 2021-22). Total borrowings could be near ₹20 lakh crore if the State government borrowings are added to the Central government’s borrowings. However, post G-SAP introduced the bond yields for long term bonds. Thus,
it will reduce the bond yield not vice-versa.
Statement 2 is correct: Immediately after the announcement of G-SAP there was a rise in the equity market index as
a decline in bond yield is positive for the equities markets. The RBI has introduced it to manage liquidity in the market, and that it will keep bond price volatility in control. This is seen as a big positive for market participants as
due to the decline in the bond yield equity markets will be a more lucrative option for the investors.
Additional Information: Another reason behind the introduction of G-SAP was to ensure that the government borrowing sailed through smoothly. As the other avenues from which government borrows were not able to match up even half of the combined borrowing demand of Centre and State governments.
Figure: G-SAP Requirement
Perspective:
Context: Banking and the other functions of the RBI is the core area of the Indian Economy syllabus and every year applied knowledge-based questions are asked from this section to check the conceptual understanding of a candidate.
By reading the question’s stemming and statements carefully one can conclude two things:
- The first is that it is related to buying securities by the RBI.
- The second is that Statement 1 and 2 are antagonistic.
First, let us understand how these two statements are antagonistic. Statement 1 says that G-SAP will increase the bond yield and Statement 2 says it will increase investment in the equity markets. How could it be possible that you can earn more safely in the bond market but you prefer to earn less and risk more? So one statement must be incorrect.
Secondly, it is a government security purchasing programme so if RBI is buying then there will be less securities available in the market. The lower supply would push up the prices of the Government bonds, thus decreasing the bond yields. Hence, Statement 1 will be incorrect.
Thirdly, if there are low returns on the bonds (because of lower yields) then investors are likely to switch over to the equity market. This will attract investment in the equity markets. Hence, Statement 2 can be marked as correct. This leads us to the right answer which is Option (b). |
व्याख्या:
बढ़ती बॉन्ड यील्ड पर बाजार प्रतिभागियों की चिंताओं को दूर करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने जब तक कि अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आ जाती है वर्तमान समायोजन नीति को बनाए रखने का आश्वासन दिया, और सरकारी प्रतिभूति अधिग्रहण कार्यक्रम (G-SAP) के साथ बाजारों को उत्साहित किया। G-SAP के तहत, RBI वित्तीय वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 1 लाख करोड़ रुपये की पुरानी सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद करेगा। RBI ने यह भी घोषणा की कि तंत्र में मौजूद अतिरिक्त तरलता के अवशोषण के लिए परिवर्तनीय दर प्रतिवर्ती रेपो (Variable Rate Reverse Repo-VRRR) को जारी रखेगा।
कथन 1 गलत है: G-SAP को RBI द्वारा मुख्य रूप से बॉन्ड बाजारों को शांत करने के लिए लाया गया है। 10 साल के बॉन्ड की यील्ड, जो केंद्रीय बजट 2021-22 से पहले 5.9% के आसपास थी। लेकिन बजट के पारित होने के बाद, यह केंद्र सरकार द्वारा भारी उधारी के कारण मोटे तौर पर 6.2% के आसपास था (वित्त वर्ष 2021-22 में 12.03 लाख रुपए)। यदि राज्य सरकार के उधारों को केंद्र सरकार के उधारों में जोड़ दिया जाए तो कुल उधार करीब 20 लाख करोड़ रुपए के हो सकता है। हालांकि, G-SAP के बाद लंबी अवधि के बॉन्ड के लिए बॉन्ड यील्ड की शुरुआत हुई है।अतः, यह बॉन्ड यील्ड को कम करेगा न कि इसके विपरीत।
कथन 2 सही है: G-SAP की घोषणा के तुरंत बाद इक्विटी मार्केट इंडेक्स में वृद्धि हुई क्योंकि बॉन्ड यील्ड में गिरावट इक्विटी बाजारों के लिए सकारात्मक है। आरबीआई ने इसे बाजार में तरलता का प्रबंधन करने के लिए प्रस्तुत किया है, और यह बॉन्ड मूल्य की अस्थिरता को नियंत्रण में रखेगा। इसे बाजार प्रतिभागियों के लिए बड़े सकारात्मक कदम के रूप में देखा गया है क्योंकि बॉन्ड यील्ड में गिरावट के कारण इक्विटी बाजार निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक विकल्प होगा।
अतिरिक्त जानकारी: G-SAP की शुरुआत के पीछे एक और कारण यह सुनिश्चित करना था कि सरकार को उधारी आसानी से मिल’ जाए। चूंकि सरकारें जिस अन्य मार्गों से उधार लेती हैं वे राज्य और केंद्र सरकारों के संयुक्त ऋण मांग के आधार की भी पूर्ति कर पाने में सक्षम नहीं थे।
चित्र: G-SAP आवश्यकता
परिप्रेक्ष्य:
संदर्भ: बैंकिंग और भारतीय रिजर्व बैंक के अन्य कार्य भारतीय अर्थव्यवस्था के पाठ्यक्रम का मुख्य क्षेत्र है और प्रत्येक वर्ष अभ्यर्थी की वैचारिक समझ की जांच करने के लिए इस खंड से ज्ञान आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।
प्रश्न के मूल भाव और कथनों को ध्यान से पढ़ने से दो निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं:
- पहला यह है कि ये RBI द्वारा प्रतिभूतियों को खरीदने से संबंधित है।
- दूसरा यह है कि कथन 1 और 2 परस्पर विरोधी हैं।
सबसे पहले, आइए समझते हैं कि ये दोनों कथन कैसे परस्पर विरोधी हैं। कथन 1 कहता है कि G-SAP बॉन्ड यील्ड बढ़ाएगा और कथन 2 कहता है कि इससे इक्विटी मार्केट में निवेश बढ़ेगा। यह कैसे संभव हो सकता है कि आप बॉन्ड बाजार में अधिक सुरक्षित रूप से कमा सकते हैं लेकिन आप कम और अधिक जोखिम के साथ कमाना पसंद करते हैं? इसलिए एक कथन गलत होना चाहिए।
दूसरा, यह एक सरकारी सुरक्षा क्रय कार्यक्रम है, इसलिए यदि RBI खरीद रहा है तो बाजार में कम प्रतिभूतियाँ उपलब्ध होंगी। कम आपूर्ति से सरकारी बॉन्ड की कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे बॉन्ड यील्ड घट जाएगी। इसलिए, कथन 1 गलत होगा।
तीसरा, अगर बॉन्ड पर कम रिटर्न (कम यील्ड के कारण) है तो निवेशकों को इक्विटी मार्केट में जाने की संभावना है। यह इक्विटी बाजारों में निवेश को आकर्षित करेगा। इसलिए, कथन 2 को सही चिह्नित किया जा सकता है। यह हमें सही उत्तर की ओर ले जाता है जो विकल्प (b) है। |