Q12. Consider the following statements about Concessional Financing Scheme
1. It is aimed at supporting Indian Entities bidding for strategically important infrastructure projects abroad
2. Only those companies which have 75 per cent shareholding by Indians would be supported.
3. The Ministry of External Affairs is responsible for selection of projects that requires support.
Which of the above statement(s) is/are correct?
Q12. रियायती वित्तपोषण योजना (Concessional Financing Scheme) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
1. विदेशों में ढ़ांचागत योजनाओं हेतु बोली लगाने वाली भारतीय इकाइयों को सहायता प्रदान करना इसका उद्देश्य है।
2. यह केवल वैसी कंपनियों को सहायता प्रदान करता है जिसमें भारतीयों की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत है।
3. वैसी योजनाओं जिन्हें सहायता की आवश्यकता है, के चयन की जिम्मेदारी विदेश मंत्रालय की होती है।
उपर्युक्त में से कौन से कथन सत्य हैं?
(b) Only 1 and 3
(b) केवल 1 और 3
Under the CFS, the government has been supporting Indian entities bidding for strategically important infrastructure projects abroad since 2015-16. The scheme has now been liberalized and any Indian company, irrespective of the ownership will be eligible to benefit from the scheme. The Ministry of External Affairs (MEA) selects the specific projects keeping in view strategic interest of India and sends the same to the Department of Economic Affairs (DEA).
CFS के अन्तर्गत 2015-16 से भारत वैसी कम्पनियों को सहायता प्रदान कर रहा है जो विदेशों में सामरिक रूप से आवश्यक ढ़ांचागत योजनाओं हेतु बोली लगाती है। इसके नियमों को अधिक उदार बनाते हुए यह प्रावधान किया गया है कि कोई भी भारतीय कम्पनी हिस्सेदारी से इतर इस योजना का लाभ उठा सकती है। विदेश मंत्रालय सामरिक रूप से भारत के हितधारक योजनाओं का चयन कर आर्थिक मामलों के विभाग को प्रस्ताव भेजती है।