Q21. Ambubachi Mela is associated with which of the following?
Q21.अम्बुबाची मेला निम्नलिखित में से किसके साथ जुड़ा हुआ है?
A
Jagannath Temple, Puri;
जगन्नाथ मंदिर, पुरी;
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B
Kamakhya Temple near Guwahati;
गुवाहाटी के पासस्थित कामाख्या मंदिर;
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C
Dakshina Kalika in Kolkata;
कोलकाता स्थित दक्षिण कालिका;
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D
Tara Tarini near Brahmapur, Odisha
ब्रह्मपुर ओडिशा, के पासस्थित तारा तारिणी
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Solution
The correct option is B
Kamakhya Temple near Guwahati;
गुवाहाटी के पासस्थित कामाख्या मंदिर;
Ans:21)(b)
Explanation:
Ambubachi Mela is a four-day fair to mark the annual menstruation of the goddess at Kamakhya temple in Nilachal Hills in Guwahati, Assam.
Kamakhya temple is one of 51 shaktipeeths or seat of Shakti followers.
Shakti peeth is originated based on the story of the death of goddess Sati.
God Shiva who held her dead body, then started his dance of destruction, causing Sati's body to disintegrate and fall into pieces.
The sites where these portions of Sati goddess fell, are the Shakti peeth.
Kamakhya temple’s sanctum sanctorum houses the yoni - female genital symbolised by a rock.
Ambubachi Mela is also considered as an occasion to promote awareness on menstrual hygiene.
This ritualistic fair is one of the reasons why the taboo associated with menstruation is less in Assam compared with other parts of India.
Four Major Shakthi Peeths in India - Jagannath Temple, Puri; Kamakhya Temple near Guwahati; Dakshina Kalika in Kolkata; Tara Tarini near Brahmapur, Odisha.
उत्तर:21)(b)
व्याख्या:
अम्बुबाची मेला असम के गुवाहाटी में नीलांचल पहाड़ियों में कामाख्या मंदिर में देवी की वार्षिक रजोधर्म को मनाने के लिए चार दिवसीय मेला है।
कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है अथवा शक्ति अनुयायियों की स्थली है।
शक्ति पीठ की उत्पत्ति देवी सती की मृत्यु की कहानी पर आधारित है।
भगवान शिव जिन्होंने उनके मृत शरीर को धारण किया, फिर विनाश का नृत्य शुरू कर दिया, जिससे सती का शरीर टुकड़े-टुकड़े हो।
जिन स्थानों पर सती देवी के ये भाग गिरे, वे शक्ति पीठ हैं।
कामाख्या मंदिर के गर्भगृह में योनी - मादा जननांग का प्रतीक एक चट्टान है।
अम्बुबाची मेले को रजोधर्म स्वच्छता पर जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक अवसर के रूप में भी माना जाता है।
यह अनुष्ठानिक मेला एक कारण है कि भारत के अन्य हिस्सों की तुलना में असम में मासिक धर्म से जुड़ी वर्जना क्यों कम है।
भारत में चार प्रमुख शक्ति पीठ - जगन्नाथ मंदिर, पुरी; गुवाहाटी के पास कामाख्या मंदिर; कोलकाता में दक्षिण कालिका; ब्रह्मपुर के पास तारा तारिणी, ओडिशा।