Q58. Examine the two statements:
Assertion (A): Disguised unemployment is a common feature of Indian Agriculture.
Reason (R): India has been relatively slow in implementing farm mechanization.
निम्नलिखित दो कथनों का परीक्षण करें:
कथन (A): प्रच्छन्न बेरोजगारी भारतीय कृषि की एक सामान्य विशेषता है।
कारण (R): भारत कृषि मशीनीकरण को लागू करने में अपेक्षाकृत सुस्त रही है।
निम्नलिखित विकल्पों का उपयोग कर सही उत्तर का चयन करें:
Both A & R are true and R is not the correct explanation for A
A & R दोनों सत्य हैं और R, A के लिए सही व्याख्या नहीं है
Disguised unemployment exists where part of the labor force is either left without work or is working in a redundant manner where worker productivity is essentially zero. An economy demonstrates disguised unemployment where productivity is low and where too many workers are filling too few jobs. It is again a feature of the agrarian economies. When more people are engaged than actually required for production, it is called disguised unemployment. If a part of labour force is withdrawn from the farm the total output of the farm will remain unchanged. The withdrawn labour force will be termed as disguisedly employed.
Even though farm mechanisation shows an increasing trend recently, there are wide ranging disparities in the levels of mechanisation across state. India is the second largest manufacturer of tractors in the world.
प्रच्छन्न बेरोजगारी वहाँ होती है जहां श्रम शक्ति का हिस्सा या तो काम के बिना छोड़ दिया जाता है या वह अनावश्यक तरीके से काम कर रहा हो, जहां श्रमिक उत्पादकता अनिवार्य रूप से शून्य हो। अर्थव्यवस्था में प्रच्छन्न बेरोजगारी को यह भी प्रदर्शित करती है जहां उत्पादकता कम है और जहाँ अधिक श्रमिक बहुत कम मात्रा में काम कर रहें हों। यह कृषि अर्थव्यवस्था की एक अन्य विशेषता है। जब वास्तविक उत्पादन के लिए लोग वास्तविकता से अधिक हों तो भी इसे प्रच्छन्न बेरोजगारी कहा जाता है। इस स्थिति में यदि कृषि से श्रम शक्ति का एक हिस्सा वापस ले लिया जाता है, तो भी कृषि का कुल उत्पादन अपरिवर्तित रहता है। ऐसी स्थिति में वापस लिए गए श्रम शक्ति को प्रच्छन्न बेरोजगार कहा जाएगा।
हाल के दिनों में मशीनीकरण की प्रवृत्ति में वृद्धी हुई है, फिर भी विभिन्न राज्यों में मशीनीकरण के स्तरों में व्यापक असमानताएं हैं। भारत विश्व में ट्रैक्टर का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता है।