(क) प्रजा अपनी आँखें बंद कर ले।– इसमें छिपा निहितार्थ है कि लोग राजा के अत्याचार, शोषण तथा दोहन के प्रति उपेक्षित हो जाएँ। इस तरह वह लोगों का मनचाहा शोषण कर उनसे अपने कार्य करवाता रहे।
(ख) प्रजा अपने कानों में पिघलता सीसा डलवा दे।– इसमें छिपा निहितार्थ है कि लोगों द्वारा सुनने की क्षमता खत्म करके अपने विरोधियों को चुप रख सके। लोग राजा के विरुद्ध सुन ही नहीं पाएँगे, तो वह उसका विरोध कैसे करेंगे।
(ग) प्रजा अपने मुँह को सिलवा ले।– इसमें छिपा निहितार्थ है कि लोगों के विरोध करने की शक्ति को ही समाप्त कर देना।