Read the following passage and answer the question that follows:
Anti-corruption interventions so far made are seen to be ineffectual and there is widespread public cynicism about them. The interventions are seen as mere posturing without any real intention to bring the corrupt to book. They are also seen as handy weapons for partisan, political use to harass opponents. Corruption is so deeply entrenched in the system that most people regard corruption as inevitable and any effort to fight it as futile. This cynicism is spreading so fast that it bodes ill for our democratic system itself.
Q. What is the main theme of the passage?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उसके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए:
अब तक किए गए भ्रष्टाचार-रोधी हस्तक्षेप निष्प्रभावी रहे हैं और उनके बारे में सार्वजनिक रूप से व्यापक निराशावाद रहा है। हस्तक्षेपों को भ्रष्ट लोगों को प्रतिबंधित करने संबंधी बिना किसी वास्तविक उद्देश्य के दिखावे के रूप में देखा जाता है। उन्हें पक्षपातपूर्ण और विरोधियों को परेशान करने के लिए राजनीतिक उपयोग के एक साधन के रूप में भी देखा जाता है। भ्रष्टाचार व्यवस्था में इस हद तक व्याप्त है कि अधिकांश लोग भ्रष्टाचार को अपरिहार्य और इससे लड़ने के किसी भी प्रयास को निरर्थक मानते हैं। यह निराशावाद इतनी तेजी से फैल रही है कि हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए यह स्वयं एक बीमारी बनती जा रही है।
Q. परिच्छेद का मुख्य विषय क्या है?