Read the following passage and answer the question that follows.
Marking India's first venture into the interplanetary space, Mars Orbiter Mission (MOM) will explore and observe Mars surface features, morphology, mineralogy and the Martian atmosphere. Further, a specific search for methane in the Martian atmosphere will provide information about the possibility or the past existence of life on the planet.
The enormous distances involved in interplanetary missions present a demanding challenge; developing and mastering the technologies essential for these missions will open endless possibilities for space exploration. After leaving Earth, the Orbiter will have to endure the Interplanetary space for 300 days before Mars capture. Apart from deep space communications and navigation-guidance-control capabilities, the mission will require autonomy at the spacecraft end to handle contingencies.
Q. Which among the following is not a challenge involved in India’s Mars orbit Mission?
निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए।
अंतरग्रहीय अंतरिक्ष में भारत का पहला प्रयास अंकित करते हुए मंगल कक्षित्र मिशन (मार्स ऑर्बिटर मिशन-MOM) मंगल की सतह के लक्षणों, आकृति विज्ञान, खनिज विज्ञान तथा मंगल ग्रह के वायुमंडल का अन्वेषण एवं निरीक्षण करेगा। साथ ही, मंगल के वायुमंडल में मीथेन की विशिष्ट खोज इस ग्रह पर जीवन की संभाव्यता या पूर्व में जीवन के बारे में सूचना प्रदान करेगी।
अंतरग्रहीय मिशनों में निहित विशाल दूरियाँ चुनौतीपूर्ण हैं; जो इन मिशनों के लिए अत्यावश्यक प्रौद्योगिकियों को विकसित करने एवं उनमें महारत हासिल करने से अंतरिक्ष अन्वेषण की असीम संभावनाओं को खोल देंगी। पृथ्वी से दूर जाने के बाद, कक्षित्र को मंगल कक्षा में प्रवेश करने से पूर्व 300 दिनों तक अंतरग्रहीय अंतरिक्ष में रहना पड़ेगा। गहन अंतरिक्ष संचार एवं नौवहन–मार्गदर्शन–नियंत्रण क्षमताओं के अतिरिक्त, अंतरिक्षयान द्वारा आकस्मिकताओं के प्रबंधन के लिए मिशन को स्वायत्तता की आवश्यकता होगी।
Q. निम्नलिखित में से कौन भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन से संबंधित चुनौती नहीं है?
While options (a), (c), and (d) are challenges faced by India’s Mars Orbiter Mission (MOM) as explained in the 2nd passage, option (b) clearly stands out, as research in the fields of mineralogy and morphology are not described in the passage as challenges but as the outcomes of MOM.
विकल्प (a), (c), और (d) भारत के मंगल मिशन (MOM) के सामने आने वाली चुनौतियाँ हैं, जैसा कि दूसरे अनुच्छेद में बताया गया है। विकल्प (b) स्पष्ट रूप से अलग दिखता है, क्योंकि खनिज विज्ञान और आकृति विज्ञान (morphology) के क्षेत्र में अनुसंधान को चुनौतियों के रूप में नहीं, बल्कि MOM के परिणामों के रूप में वर्णित किया गया है।