रस का अक्षयपात्र से कवि ने रचनाकर्म की किन विशेषताओं की और इंगित किया है?
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Solution
कवि के अनुसार कोई भी रचना को पढ़कर, उसका आनंद कभी समाप्त नहीं होता है। यह रचना रूप में सदियों तक लोगों के दिलों, मुख तथा भाषा के इतिहास रूप में हमेशा जीवित रहती है। इनका अस्तित्व सदैव विद्यमान रहता है। किसी भी युग के पाठक इसका आनंद बिना किसी कठिनाई के ले सकते हैं। ये प्रसन्नता और आनंद दोनों देती हैं। आप जितनी बार उसे पढ़ते जाओगे, इसका रस समाप्त होने में नहीं आएगा। यह रस देती जाएगी। यह द्रौपदी के अक्षयपात्र के समान है। सूर्य ने द्रौपदी को ऐसा अक्षयपात्र दिया था, जिसमें भोजन कभी समाप्त नहीं होता था। अतः कवि ने रचना के रस की तुलना अक्षयपात्र से की है।