'सबसे कोई पेशाब के लिए उसमें घुसता तो दूसरा उसमें घुसने के लिए बाहर खड़ा रहता। टट्टी के लिए बाहर जाना पड़ता था लेकिन वहाँ भी चैन से कोई टट्टी नहीं कर सकता था क्योंकि सुअर पीछे से आकर तंग करना शरू कर देते। लड़के-लड़कियाँ, बड़े-बूढ़े सभी हाथ में पानी की बोतल ले टट्टी के लिए बाहर जाते। अब वे कहाँ बोतल संभालें या सुअर भगाएँ! मुझे तो यह देख-सुनकर बहुत खराब लगता'- अनुवाद के नाम पर मात्र अंग्रेज़ी से होने वाले अनुवादों के बीच भारतीय भाषाओं में रची-बसी हिंदी का यह एक अनुकरणीय नमूना है- उपर्युक्त पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए बताइए कि इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं।