शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की - समाज को कैसे व्यक्तित्व की ज़रूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उमा जैसी लड़की ही समाज के लिए सही व्यक्तित्व है। वह निडर है, साहसी भी है। जहाँ एक ओर माता-पिता का सम्मान रखते हुए वह गोपाल प्रसाद जी व उनके लड़के शंकर के सम्मुख खड़ी हो जाती है, उनके कहने पर वह गीत भी गाती है तो दूसरी तरफ़ निर्भयता पूर्वक गोपाल जी को उनकी कमियों का एहसास कराते हुए तनिक भी नहीं हिचकती। उसमें आत्मसम्मान की भावना है। उसी आत्मसम्मान के लिए वह अपना मुँह भी खोलती है।