'सिद्धेश्वरी का एक दूसरे सदस्य के विषय में झूठ बोलना परिवार को जोड़ने का अनथक प्रयास था' – इस संबंध में आप अपने विचार लिखिए।
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Solution
सिद्धेश्वरी जानती थी कि घर की स्थिति को लेकर घर का प्रत्येक सदस्य एक-दूसरे से खींचा हुआ था। वह झूठ बोलकर उसे सामान्य करने का प्रयास करती है। हम यह नहीं कह सकते कि यह प्रयास अनथक था या अथक। वह प्रयास अवश्य कर रही थी। पिता उसके मुँह से तारीफ को सुनकर प्रसन्न हो गए थे। कठिन समय में यही तारीफ घरवालों को आपस में बाँधे हुए थी। मोहन और रामचंद्र के मध्य अवश्य एक खींचतान दिखाई देती है लेकिन सिद्धेश्वरी अपने झूठ से उसे भी कम करने का प्रयास करती है। यदि वह ऐसा न करे, तो घर में सब बिखर कर रह जाए। वह जहाँ-तहाँ यह प्रयास करते हुए दिखाई देती है। इस तरह अपने घर को एक किए हुए है। अतः इसे अनथक प्रयास नहीं कहा जा सकता है।