समुद्र को देखकर आपके मन में क्या भाव उठते हैं? लगभग 200 शब्दों में लिखें।
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Solution
समुद्र एक ऐसा स्थल है, जिसे देखकर मैं मन की गहराइयों में डूब जाता हूँ। इसका रंग, इसका विशाल स्वरूप, इसका सौंदर्य मुझे अपनी ओर आकर्षित करते हैं। सोचता हूँ कि काश इसकी जैसी विशालता मेरे स्वभाव में आ जाए। समुद्र अपने अंदर कितने रहस्य को लिए रहता है मगर फिर भी शांत है। काश हर मनुष्य समुद्र के समान स्वभाव को अपना सकता। इसके अंदर विद्यमान लहरे जब तट पर आकर टकराती हैं, तो लगता है मानो कह रही हो कि जीवन संघर्ष से युक्त है। इसमें हराना नहीं है। बस लड़ते रहना चाहिए। इसका शांत स्वरूप जीवन में शांति प्रदान करता है। इसके अंदर विचरने वाले जीव मुझे हैरत में डाल देते हैं। कहीं विशाल प्राणी इसमें निवास करते हैं, तो कई अति सूक्ष्म प्राणी भी हैं। कोई समुद्र की गहराइयों में ही रहने वाले हैं, तो कोई समुद्र के सतह पर आकर हमें अपने अस्तित्व की सूचना देते हैं। समुद्र जहाँ हमारी आँखों को शांति प्रदान करता हैं, वहीं यह हमारे लिए जीविका का साधन भी है। इसके कारण ही मनुष्य समुद्रीय क्षेत्रों में रह पाया है। यह हमें देता ही देता है। हम इसे कभी कुछ नहीं दे पाते हैं। जब इसे क्रोध आता है, तो यह हमें समझा भी देता है कि शांत लोगों का क्रोध कितना भयानक होता है फिर तबाही ही आती है।