संवदिया कि क्या विशेषताएँ हैं और गाँव वालों के मन में संवदिया की क्या अवधारणा हैं?
Open in App
Solution
संवदिया कि विशेषताएँ इस प्रकार हैं- (क) दिए गए संवाद को जैसे है, वैसा ही बोलना पड़ता है। (ख) संवाद के साथ भावों को भी वैसे का वैसा बताना पड़ता है। (ग) संवाद को समय पर पहुँचाना एक संवदिया की विशेषता होती है। (घ) संवदिया को भावनाओं में नहीं बहना चाहिए। उसे संवाद को भावनाओं से अलग रखना चाहिए। (ङ) उसे मार्ग का ज्ञान होना चाहिए। (च) संवाद को पहुँचाने में गोपनियता बहुत आवश्यक है। गाँव वालों के मन में अवधारणा है कि संवदिया एक कामचोर, निठल्ला तथा पेटू आदमी होता है, जिसके पास कोई काम नहीं होता, वह संवदिया बन जाता है।