'सपने-सपने में सत्य ढला' पंक्ति के आधार पर कविता की मूल संवेदना को स्पष्ट कीजिए।
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Solution
इस पंक्ति के आधार पर कविता की मूल संवेदना यह दृष्टिगोचर होती है कि हर मनुष्य का अपना सच है। यही वास्तविकता है और यही सत्य मनुष्य को अपने लक्ष्य तक पहुँचाती है। प्रत्येक मनुष्य के स्वप्न में वह हर पल रहता है। प्रकृति के वे यथार्थ जो परिवर्तनशील हैं, उनके माध्यम से मनष्य स्वयं के सपनों को साकार कर सकता है।