सरोज के नव-वधू रूप का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
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Solution
कवि के अनुसार उनकी पुत्री सरोज विवाह के समय कामदेव की पत्नी रति जैसी सुंदरी लग रही है। जब वह मंद-मंद करके हँसती है, तो लगता है मानो दामिनी (बिजली) उसके होठों के मध्य फँस गई है। विवाह की प्रसन्नता के कारण उसकी आँखों में चमक विद्यमान है। रूप और गुणों में वह अपनी माँ की प्रतिछाया प्रतित हो रही है। उसका सौंदर्य उसके अंग-प्रत्यंग में उच्छ्वास (गहरी छोड़ी गई साँस) के समान विकसित होकर फैल गया है। एक नई-नवेली दुल्हन की आँखें में व्याप्त लज्जा और संकोच उसकी आँखों को चमक से भर देता है तथा वे झुक जाती है। उनकी पुत्री की आँखें भी वैसी ही झुकी हुई तथा चमक से भरी हुई हैं। धीरे-धीरे वह चमक आँखों से उतरकर होठों पर फैल रही है। यह चमक उनकी पुत्री के होठों में स्वाभाविक कंपन पैदा कर रहा है।