'सरोज स्मृति' पूरी पढ़कर आम आदमी के जीवन-संघर्षों पर चर्चा कीजिए।
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Solution
'सरोज स्मृति' को पढ़कर पता चलता है कि आम आदमी का जीवन कितना कष्ट भरा है। कहीं धन का अभाव है, तो कहीं अपनों के प्रेम की कमी। एक आम आदमी का जीवन घर, कार्यालय, बिजली-पानी-भोजन की व्यवस्था में निकल जाता है। बच्चों की शिक्षा, उनका भविष्य तथा विवाह से संबंधित खर्चों के नीचे वह स्वयं को दबा पाता है। एक घर लेने के लिए उसे एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना पड़ता है और यदि वह घर ले लेता है, तो उसे जीवनभर कर्ज का बोझ दबा देता है। ऐसी स्थिति में घर और बच्चों की आवश्यकताओं के लिए वह कोल्हू का बैल बन जाता है। जिनके लिए वह यह सब कर रहा है यदि ईश्वर ही उन्हें अपने पास बुला ले तो मनुष्य का ह्दय चित्कार उठता है। 'सरोज स्मृति' आम आदमी के जीवन-संघर्षों का प्रमाण है। कवि अपनी गिरती आर्थिक स्थिति के कारण पिता का कर्तव्य नहीं निभा पाता। मातृविहिन अपनी संतान को अपने से अलग रखता है। यद्यपि उसकी संतान को उसके नाना-नानी का समस्त प्यार-दुलार मिलता है लेकिन यह काफी नहीं है। यदि कवि के जीवन में धन का अभाव नहीं होता, तो वह अपनी संतान को अपने साथ रख पाता तथा उसका विवाह बड़े धूमधाम से कर पाता। अपनी पुत्री का विवाह धन के अभाव में न कर पाने के कारण कवि का हृदय दुखी होता दिखाई देता तथा पत्नी के बाद पुत्री की मृत्यु उसे अंदर तक तोड़ देती है। वह विवश हो उठता है। अपने प्रेम को अपनी संतान के समक्ष रख नहीं पाता और उसकी वेदना से उपजी यह कविता हमारे समक्ष आ खड़ी होती है। हर मनुष्य के जीवन में ऐसे संघर्ष भरे पल विद्यमान होते हैं।