सुनीता को सड़क की ज़िंदगी देखने में मज़ा आता है।
(क) तुम्हारे विचार से सुनीता को सड़क देखना अच्छा क्यों लगता होगा?
(ख) अपने घर के आस-पास की सड़क को ध्यान से देखो और बताओ–
• तुम्हें क्या-क्या चीज़ें नज़र आती हैं?
• लोग क्या-क्या करते हुए नज़र आते हैं?
(क) सुनीता अपने पैरों से चल नहीं सकती थी। इसलिए उसे सड़क की चीज़ें देखने में मज़ा आता था। सड़क पर उसे हर चीज़ चलती दिखाई देती थी। अतः उसे जब भी यह देखने का मौका मिलता, तो उसे अच्छा लगता था। अंदर रहकर जो अकेलापन व कमी वह महसूस करती थी। वह सड़क पर देखकर दूर हो जाता व उसका मन लग जाता था।
(ख) अपने घर के आसपास की सड़कों पर हमें निम्न प्रकार की वस्तुएँ तथा कार्य करते लोग दिखाई देते हैं-
• पेड़-पौधे, बिजली के खम्भे, सड़क पर आती-जाती साइकिल, स्कूटर, मोटर-साइकिल, कारें, बसें और ट्रक इत्यादि दिखाई देते हैं।
• लोग आते-जाते नींबू पानी पीते, गाड़ी ठीक करते हुए, गाड़ी रोककर फोन पर बात करते हुए, हेलमेट खरीदते हुए, बस स्टैंड पर बस का इंतज़ार करते हुए तथा सड़क पर चलते हुए नज़र आते हैं।