स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वास लेखक के मन में कैसे पैदा हुआ?
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Solution
लेखक की पाठशाला में मराठी के अध्यापक सौंदलगेकर से संपर्क होता है। वह स्वयं एक अच्छे कवि और रसिक व्यक्ति थे। उनके कविता पाठन के तरीके ने लेखक को प्रभावित किया। लेखक आरंभ में कविता का उच्चारण उनके अंदाज़ में कहता है। धीरे-धीेरे वह कविताओं को दूसरे रूप में गाना आरंभ करता है। इस तरह जब वह प्रवीणता हासिल कर लेता है, तो वह स्वयं कविता रचना आरंभ कर देता है। पहले वह तुकबंदी करता है परन्तु अभ्यास करने पर वह स्वयं एक अच्छा कवि बन जाता है। आरंभ में सौंदलगेकर उसकी प्रतिभा को निखारने में उसकी सहायता करते हैं। वह नायक को उस समय के कवियों के बारे में बताते हैं। जिससे लेखक के मन में कवियों के प्रति संदेह समाप्त हो जाता है और उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। इस प्रकार उसमें स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वास पैदा होता है।