'उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की' - कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
कवि यह कहना चाहता है कि अपनी प्रेयसी के साथ बिताए गए क्षणों को वह सबके सामने कैसे प्रकट करे। जीवन के कुछ अनुभवों को गोपनीय रखना ही उचित होता है। ऐसी स्मृतियों को वह सबके सामने प्रस्तुत कर अपनी हँसी नहीं उड़ाना चाहता है। अत: वह अपने जीवन की मधुर स्मृतियों को अपने तक ही सीमित रखना चाहता है।