विभिन्न परिस्थितियों में भाषा का प्रयोग भी अपना रूप बदलता रहता है कभी औपचारिक रूप में आती है, तो कभी अनौपचारिक रूप में। पाठ में से दोनों प्रकार के तीन-तीन उदाहरण छाँटकर लिखिए।
Open in App
Solution
औपचारिक भाषा-
(क) मूल में एक और तत्त्व की महिमा सविशेष है।
(ख) इस सिलसिले में एक और भी महत्त्व का तत्त्व है।
(ग) मेरे यहाँ कितना परिमित है और यहाँ कितना अतुलित है।
अनौपचारिक भाषा-
(क) पैसा पावर है।
(ख) ऐसा सजा-सजाकर माल रखते हैं कि बेहया ही हो जो न फँसे।
(ग) नहीं कुछ चाहते हो, तो भी देखने में क्या हरज़ है।