विद्रोही की माँ से संबंध रखकर कौन अपनी गरदन मुसीबत में डालता? इस कथन के आधार पर उस शासन-तंत्र और समाज-व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।
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Solution
उस समय का शासन-तंत्र बहुत ही क्रूर तथा तानाशाही था। लोगों में उसका भय विद्यमान था। समाज भी उसके भय से आक्रांत था। सब डरते थे। शासन के डर से क्रांतिकारियों की सहायता करने को मुसीबत को न्योता देने के समान माना जाता था। शासन तंत्र को जिस पर संदेह होता था, वह उसी को धर दबोचता था। उसका मानना था कि अपने विरुद्ध उठती आवाज़ को बंद करने में ही शासन की बेहतरी है। समाज भी ऐसा ही था, जो अपने लिए सोचता था। उसकी सोच बस स्वार्थ में विद्यमान थी। समाज में एकता नहीं थी। सबको अपने से मतलब था। अतः लाल और उसकी माँ की कौन सहायता करता। इससे पता चलता है कि उस समय की शासन-तंत्र तथा समाज-व्यवस्था बेकार थी।