The correct option is
C Only 1, 2 and 4
केवल 1, 2 और 4
- Socio Economic and Caste Census 2011 (SECC) was conducted in the 2011.
- The SECC 2011 was conducted in all states and union territories of India and the first findings were revealed on 3 July 2015.
- SECC 2011 is also first paperless census in India conducted on hand-held electronic devices by the government.
- The rural development ministry has taken a decision to use the SECC data in all its programmes such as MGNREGA, National Food Security Act, Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana.
- SECC 2011 was first-ever post-Independent caste-based census since 1931 Census of India.
- SECC 2011 data will also be used to identify beneficiary and expand the direct benefit transfer scheme SECC 2011 was not conducted under 1948 Census of India Act, which in turn made information disclosure voluntary for citizens, and not a mandatory disclosure.
- Socio Economic and Caste Census 2011 was the fourth exercise conducted by Government of India to identify households living below the poverty line in India that would get various entitlements, after three censuses in 1992, 1997 and 2002.
सामाजिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 में आयोजित की गई थी।
सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना-2011 (SECC 2011) भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित की गयी थी और प्रथम निष्कर्ष 3 जुलाई 2015 को सामने आए थे।
SECC 2011 भारत में पहली पेपरलेस जनगणना भी है, जो सरकार द्वारा हाथ में रखने योग्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों द्वारा आयोजित की गई थी ।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने अपने सभी कार्यक्रमों जैसे कि मनरेगा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना में SECC डेटा का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
SECC 2011 भारत की, 1931 की जनगणना के बाद पहली बार स्वतंत्र जाति-आधारित जनगणना थी।
SECC 2011 आँकड़ों का उपयोग लाभार्थी की पहचान करने और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना का विस्तार करने के लिए भी किया जाएगा, SECC 2011 को -भारत की जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत आयोजित नहीं किया गया था, जिससे नागरिकों के लिए सूचना प्रकटीकरण स्वैच्छिक हो गयी, और अनिवार्य खुलासा नहीं हो सका ।
सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना 2011, भारत सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की पहचान करने के लिए भारत सरकार द्वारा किया गया चौथा अभ्यास था, जो 1992, 1997 और 2002 में तीन जनगणना के बाद विभिन्न पात्रता प्राप्त करेगा।