The correct option is B Only 1 and 2
केवल 1 और 2
The Rotterdam Convention (formally, the Rotterdam Convention on the Prior Informed Consent Procedure for Certain Hazardous Chemicals and Pesticides in International Trade) is a multilateral treaty to promote shared responsibilities in relation to importation of hazardous chemicals. The Convention entered into force on 24 February 2004 and became legally binding for its Parties.
Stockholm Convention on Persistent Organic Pollutants is an international environmental treaty, signed in 2001 and effective from May 2004, that aims to eliminate or restrict the production and use of persistent organic pollutants (POPs). It is legally binding for its parties.
The "Basel Convention on the Control of Transboundary Movements of Hazardous Wastes and their Disposal" controls the international trade in hazardous wastes. The Convention, which was adopted in 1989 and entered into force in 1992, was negotiated to establish a "notice and consent" regime for the export of hazardous waste to importing countries. Under the Convention's provisions, trade in hazardous wastes generally cannot take place:
• without the importing country's written consent
• where the exporting country has reason to believe that the particular wastes will not be handled in an environmentally sound manner Currently, there are more than 160 Parties to the Convention.
खतरनाक रसायनों के आयात के संबंध में साझा जिम्मेदारियों को बढ़ावा देने के लिए रॉटरडैम अभिसमय (औपचारिक रूप से, कुछ खतरनाक रसायनों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में कीटनाशकों के लिए पूर्व सूचित सहमति प्रक्रिया पर रॉटरडैम अभिसमय) एक बहुपक्षीय संधि है। अभिसमय 24 फरवरी 2004 को लागू हुआ और कानूनी रूप से पक्षकारों हेतु बाध्यकारी हो गया। दृढ जैविक प्रदूषकों हेतु स्टॉकहोम अभिसमय एक अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण संधि है, जिसे 2001 में हस्ताक्षरित किया गया और मई 2004 से प्रभावी किया गया, जिसका उद्देश्य दृढ जैविक प्रदूषकों (पीओपी) के उत्पादन और उपयोग को समाप्त करना या प्रतिबंधित करना है। यह कानूनी रूप से पक्षकारों हेतु बाध्यकारी है। "खतरनाक कचरे के सीमापार आवागमन के नियंत्रण और उनके निपटान पर बेसेल अभिसमय " खतरनाक कचरे के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को नियंत्रित करता है। अभिसमय- जिसे 1989 में अपनाया गया था और 1992 में लागू किया गया था, आयात करने वाले देशों को खतरनाक कचरे के निर्यात हेतु "सूचना और सहमति" शासन स्थापित करने हेतु बातचीत की गई थी। अभिसमय के प्रावधानों के अंतर्गत, खतरनाक कचरे का व्यापार आमतौर पर नहीं हो सकता है:
• आयात करनेवाले देश की लिखित सहमति के बिना
• जहां निर्यात करने वाले देश के पास यह विश्वास करने का कारण है कि विशेष कचरे को पर्यावरण की दृष्टि से नियंत्रित नहीं किया जाएगा वर्तमान में, कन्वेंशन के लिए 160 से अधिक पक्षकार हैं।