With reference to the soil health card scheme, consider the following statements.
1. It is a Government of India’s scheme promoted under the ministry of rural development.
2. The Soil Health Card (SHC) will contain the status of the soil with respect to 12 parameters, all belonging to micro and macro nutrients.
3.SHC will be made available once in a cycle of 3 years.
Select the correct answer using the codes given.
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।
1. यह भारत सरकार की योजना है जो ग्रामीण विकास मंत्रालय प्रवर्तित है।
2. मृदा स्वास्थ्य कार्ड में मिट्टी की स्थिति से संबंधित में 12 मापदंडों समाहित होंगे, ये सभी मापदंड सूक्ष्म एवं बृहत् पोषक तत्वों से संबंधित हैं।
3. मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रति 3 साल के चक्र में एक बार उपलब्ध कराया जाएगा।
दिए गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनें।
It is a Government of India’s scheme promoted by the Department of Agriculture & Co-operation under the Ministry of Agriculture. It will be implemented through the Department of Agriculture of all the State and Union Territory Governments. A SHC is meant to give each farmer soil nutrient status of his holding and advice him on the dosage of fertilizers and also the needed soil amendments, that he should apply to maintain soil health in the long run.
SHC is a printed report that a farmer will be handed over for each of his holdings. It will contain the status of his soil with respect to 12 parameters, namely N,P,K (Macro-nutrients) ; S (Secondary- nutrient) ; Zn, Fe, Cu, Mn, Bo (Micro - nutrients) ; and pH, EC, OC (Physical parameters). Based on this, the SHC will also indicate fertilizer recommendations and soil amendment required for the farm.
It will be made available once in a cycle of 3 years, which will indicate the status of soil health of a farmer‟s holding for that particular period. The SHC given in the next cycle of 3 years will be able to record the changes in the soil health for that subsequent period.यह भारत सरकार की योजना है जो कृषि मंत्रालय के अंतर्गत कृषि और सहकारिता विभाग द्वारा प्रवर्तित है। इसे सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि विभाग के माध्यम से लागू किया जाएगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड का तात्पर्य प्रत्येक किसान को उसकी भूमि की मृदा पोषक स्थिति संबंधित जानकारी प्रदान करना तथा उसे उर्वरकों के प्रयोग सम्बन्धी सलाह देना तथा मिट्टी में आवश्यक संशोधन करना है, जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य को लम्बी अवधि तक बनाये रखा जा सके।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड एक मुद्रित रिपोर्ट है जिसे किसी किसान को उसकी प्रत्येक जोत के लिए प्रदान किया जाएगा। इसमें 12 मापदंडों, एन पी के (मैक्रो-पोषक तत्व), एस (माध्यमिक- पोषक तत्व); Zn, Fe, Cu, Mn, Bo (सूक्ष्म पोषक तत्व); और पीएच, ईसी, ओसी (भौतिक पैरामीटर) के संबंध में उसकी मिट्टी की स्थिति होगी। इसके आधार पर, मृदा स्वास्थ्य कार्ड उर्वरक खेत के लिए आवश्यक मिट्टी संशोधन हेतु सिफारिशों भी करेगा ।
इसे 3 साल के चक्र में एक बार उपलब्ध कराया जाएगा, जो इस विशेष अवधि के लिए एक किसान की मिट्टी के स्वास्थ्य की स्थिति को इंगित करेगा। 3 साल के अगले चक्र में दिए गए मृदा स्वास्थ्य कार्ड उस बाद की अवधि के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य में परिवर्तन को रिकॉर्ड करने में सक्षम होंगे।