With reference to WAYU (Wind Augmentation and Purification Units) device, consider the following statements:
1. National Environmental Engineering Research Institute (NEERI), the Nagpur-based laboratory of the Council of Scientific and Industrial Research (CSIR), has developed the WAYU.
2. It converts harmful pollutants into carbon dioxide.
Which of the above statement(s) is/are correct?
WAYU (विंड ऑग्मेंटेशन प्यूरीफाइंग यूनिट) डिवाइस के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. इसे राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की नागपुर स्थित प्रयोगशाला ने डब्ल्यूएयू विकसित किया है।
2. यह हानिकारक प्रदूषकों को कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित करता है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है / हैं?
Both 1 and 2
1 और 2 दोनों
To combat the worsening air quality, National Environmental Engineering Research Institute (NEERI), the Nagpur-based laboratory of the Council of Scientific and Industrial Research (CSIR), has developed the WAYU (Wind Augmentation and Purification Units) device. This device, designed in collaboration with Industrial Design Centre at IIT Bombay, can tackle air pollution at high traffic zones. WAYU, designed by NEERI and IIT (Bombay), works by converting pollutants such as dangerous PM2.5 and PM10 particles, carbon monoxide and volatile organic compounds into carbon dioxide using a filter. Its creators claim it can reduce pollution at busy traffic junctions by 40-60 percent.
बिगड़ती हवा की गुणवत्ता से निपटने के लिए नेशनल काउंसिल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI), नागपुर स्थित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की प्रयोगशाला, ने WAYU (विंड ऑग्मेंटेशन प्यूरीफाइंग यूनिट)) डिवाइस विकसित किया है। आईआईटी बॉम्बे में इंडस्ट्रियल डिज़ाइन सेंटर के सहयोग से तैयार किया गया यह उपकरण उच्च ट्रेक ज़ोन पर वायु प्रदूषण से निपट सकता है। NEERI और IIT (बॉम्बे) द्वारा डिज़ाइन किया गया WAYU, प्रदूषणकारी PM2.5 और PM10 कणों, कार्बन मोनोऑक्साइड और वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों को कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित करके काम करता है। इसके रचनाकारों का दावा है कि यह व्यस्त ट्रेक जंक्शनों पर प्रदूषण को 40-60 प्रतिशत तक कम कर सकता है।