यदि आप माली की जगह पर होते, तो हुकूमत के फैसले का इंतज़ार करते या नहीं? अगर हाँ, तो क्यों? और नहीं, तो क्यों?
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Solution
यदि मैं माली की जगह पर होता, तो हुकूमत के फैसले का कभी इंतज़ार नहीं करता। दबा व्यक्ति कोई वस्तु नहीं है। वह मनुष्य है और उसे दर्द होता है। अतः मैं तुरंत निर्णय लेता और उस दबे व्यक्ति को निकालने का प्रयास करता। इसके लिए यदि सरकार मेरी सहायता न करती तो न सही। मैं बाहर से लोगों को बुलवाता और उसे दबे व्यक्ति को बाहर निकालता। इसके बाद उसका तुरंत इलाज़ करवाता। इस तरह में दबे व्यक्ति का मज़ाक नहीं बनने देता।