क्या होता यदि-
(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते।
(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता।
(क) राजा दशरथ कैकेयी की प्रार्थना स्वीकार नहीं करते तो -
(i) सम्भवतः रघुवंश एक अच्छे राजा (दशरथ) से वंचित न होता।
(ii) राम का राज्याभिषेक हो जाता। परन्तु रघुकुल के वचन निभाने की परम्परा तोड़ने का आरोप लगता।
(iii) कुछ दुष्ट राक्षस और रावण भी न मारा जाता।
(ख) रावण ने विभीषण और अंगद का सुझाव माना होता और युद्ध का फैसला न किया होता तो -
(i) यह विश्वयुद्ध न होता तथा राक्षस जाति विनाश से बच जाती, मानव जाति को इतनी क्षति न उठानी पड़ती, निर्दोष लोगों को अपने प्राणों से हाथ न धोना पड़ता।
(ii) रावण का साम्राज्य जिसे सोने की लंका कहा जाता है। वो नष्ट नहीं होती।
(iii) रावण जैसे वीर विद्वान योद्धा का वध न होता। उसका वंश बच जाता।
(iv) राम और सीता का जीवन सुखमय होता।