मितà¥à¤° मेरा परिवार में महादेवी के पास जितने à¤à¥€ जीव-जनà¥à¤¤à¥ थे, उन सबके बारे में जानकारी मिलती है। यह बहà¥à¤¤ ही रोचक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• है, जो संसà¥à¤®à¤°à¤£ शैली में लिखा गया है। इसमें पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• जीव-जनà¥à¤¤à¥ के बारे में जो जानकारी है, वह लेखिका की जीवों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤®, दया को दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥€ है।