बीरबल की चतुराई के किस्से बहुत मशहूर हैं।
(क) तुम भी बीरबल का एक ऐसा ही किस्सा ढूँढ़ो जिसमें वह अपने जवाबों से सबका मुँह बंद कर देता है।
(ख) बीरबल की तरह बहुत से अन्य व्यक्तियों की हाज़िरजवाबी के किस्से प्रसिद्ध हैं। उनके नाम पता करो।
(क) एक बार अकबर ने ऐलान किया- "जो व्यक्ति सारी रात नंगे बदन इस नदी के पानी में खड़ा रहेगा उसे मेरी तरफ़ से भारी इनाम मिलेगा।" यह ऐलान सुनकर एक गरीब ब्राह्मण ऐसा करने के लिए तैयार हो गया। वह पूरी रात नंगे बदन नदी के ठंडे जल में खड़ा रहा। अगली सुबह उसने दरबार में अकबर से अपना इनाम माँगा। अकबर ने उससे पूछा- "तुम पूरी रात कैसे कड़कती ठंड में पानी में खड़े रहे। वह ब्राह्मण बोला- "राजन्! आपके महल में एक दीया जल रहा था। उसकी लौ को देखते हुए मैंने पूरी रात बिता दी।" इस पर अकबर बोला- "हे ब्राह्मण! फिर तो आप इनाम के हकदार नहीं हैं। उस दीये की ऊष्मा से ही आपको गरमी मिली है।" अत: अकबर ने इनाम देने से मना कर दिया।
बीरबल को यह अच्छा नहीं लगा। अगले दिन बीरबल ने अकबर व अन्य दरबारियों को खिचड़ी खाने का निमत्रंण दिया। सब सही समय पर पहुँच गए परन्तु बीरबल का कुछ पता नहीं था। भूख के मारे सबका बुरा हाल था। अकबर ने सिपाही से कहा– "जाओ! देखो बीरबल को इतनी देर क्यों हो रही है?" थोड़ी देर पश्चात सिपाही आया और बोला-
"जहाँपनाह! खिचड़ी पक रही है।" बहुत देर हो गई परन्तु खिचड़ी परोसी नहीं गई। अकबर ने इस बार फ़िर पूछा- "क्या बात है? देर क्यों हो रही है।" बीरबल ने कहा- "जहाँपनाह! खिचड़ी पक रही है।" इस बार अकबर ने उसे देखने की इच्छा ज़ाहिर की। जब अकबर ने वहाँ जाकर देखा तो दूर ऊँचाई पर हाँडी लटक रही थी और उसके नीचे थोड़ी आग जल रही थी। अकबर को बहुत गुस्सा आया। उसने बीरबल से ऐसा करने का कारण पूछा। बीरबल ने कहा- "जहाँपनाह! जब दूर से आती दीये की रोशनी की ऊष्मा से ब्राह्मण को गरमी मिल सकती है तो यह खिचड़ी क्यों नहीं पक सकती।" अकबर बीरबल की बुद्धिमानी पर खुश हुए और उस ब्राह्मण को बुला कर इनाम दिया।
(ख) तेलानीराम, मुल्ला नसीरूद्दीन, शेख चिल्ली आदि।