चंपा को इस पर क्यों विश्वास नहीं होता कि गांधी बाबा ने पढ़ने-लिखने की बात कही होगी?
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चंपा का मानना है कि जो अच्छे लोग होते हैं, वे पढ़ने-लिखने के लिए नहीं कहते हैं। अतः जब लेखक ने उसे कहा कि गांधी बाबा पढ़ने-लिखने के लिए कहते हैं, तो उसे विश्वास नहीं हुआ। उसके लिए पढ़ना-लिखना अच्छी बात नहीं है। अतः गांधी बाबा अच्छे हैं, वे भला पढ़ने-लिखने के लिए क्यों कहेंगे।