एक दिन बादल ने सोचा, मैं अब कभी नहीं बरसूँगा। जब मैं बरसता हूँ, तब भी लोग मेरी बुराई करते हैं। जब नहीं बरसता हूँ, तब भी मेरी बुराई करते हैं। आज से बरसना बिलकुल बंद। फिर क्या हुआ होगा? कहानी को आगे बढ़ाओ।
बादल जब बहुत दिनों तक नहीं बरसा, तो पानी नहीं बरसने के कारण लोग परेशान होने लगे। किसानों की खड़ी फसल पानी की कमी से सूखने लगी। लोग गर्मी से परेशान होने लगे। नदियों में भी पानी सूखने लगा। चारों ओर कोहराम मचने लगा। फिर क्या था लोगों ने मिलकर बादल को मनाने की सोची। वे सब बादल के पास गए और उससे अपनी गलती के लिए माफी माँगी। बादल लोगों की प्रार्थना से पिघल गया और उसने तुरंत ही वर्षा कर लोगों को सूखे और गर्मी से मुक्ति दिलाई।