(क) पोंगल का त्योहार अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। पाठ के आधार पर तालिका भरो।
क्र.स. |
राज्य |
त्योहार का नाम |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
(ख) पोंगल चार दिनों तक मनाया जाता है। प्रत्येक दिन के मुख्य क्रिया-कलाप बताओ।
(ग) भारत एक कृषि प्रधान देश है। इस बात को सिद्ध करने के लिए दो उदाहरण दो।
(क)
क्र.स. |
राज्य |
त्योहार का नाम |
1 |
महाराष्ट्र |
तिल-गुड़-घ्या |
2 |
पंजाब |
लोहड़ी |
3 |
गुजरात |
संक्रांति |
4 |
बंगाल |
संक्रांति |
5 |
उत्तराखंड |
संक्रांत |
(ख) पहला दिन 'भोगी' पोंगल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन घर की साफ़-सफ़ाई की जाती है। संध्या के समय सभी बच्चे ढोल बजाते हैं और खुशियाँ मनाते हैं।
दूसरा दिन 'पोंगल' का होता है। स्त्रियाँ प्रातःकाल उठकर घर के बाहर रंगोली बनाती हैं। सभी नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं। घर के आँगन में नए बर्तन में पहली फसल का चावल और गन्ने का रस मिलाकर पोंगल बनाया जाता है। इसे तब तक पकाया जाता है, जब तक यह चूल्हे में न गिरे। इस प्रसाद को रिश्तेदारों तथा पड़ोसी के साथ मिलकर खाया जाता है।
तीसरा दिन 'मट्टु पोंगल' के नाम से जाना जाता है। इस दिन सुबह उठकर अपने गाय-बैलों को नहलाकर सजाया जाता है। उनकी पूजा की जाती है तथा लोग उन्हें गुड तथा अन्य पौष्टिक चीज़ें खाने के लिए देते हैं।
चौथे दिन को 'काणुम पोंगल' के नाम से जाना जाता है। इस दिन पूरा परिवार मेले में जाता है तथा पूरा दिन परिवार के साथ लोग मेलों का आनंद उठाते हैं।
(ग) भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसके दो उदाहरण मुख्य हैं- एक तो यह कि भारत के अधिकत्तर त्योहार कृषि पर आधारित हैं और दूसरा यह कि भारत के सत्तर प्रतिशत लोग कृषि ही करते हैं। इसी कारण से भारत कृषि प्रधान देश कहलाता है।