कुंई निर्माण से संबंधित निम्न शब्दों के बारे में जानकारी प्राप्त करें- पालरपानी, पातालपानी, रेजाणीपानी।
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राजस्थान में पानी के तीन रूप माने जाते हैं। पालरपानी, पातालपानी तथा रेजाणीपानी। इनके विषय में जानकारी इस प्रकार हैं- पालरपानी - यह पानी बरसात द्वारा प्राप्त होता है। इसे नदी, तालाब तथा धरती पर देखा जा सकता है।
पातालपानी - यह पानी भूजल से मिलता है। इसके स्रोत कुएँ होते हैं। यह पीने में खारा होता है।
रेजाणीपानी - यह ऐसा पानी होता है, जो वर्षा के माध्यम से धरती से नीचे चला जाता है लेकिन किन्हीं कारणों से भूजल में मिल नहीं पाता है। इसी को रेजापानी कहते हैं। यह नाम इसे वर्षा मापने की विधि से मिला है। इस विधि को 'रेजा' कहा जाता है। इससे धरती में समाए पानी को मापा जाता है।