क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?
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Solution
ऐसा इसलिए कहा गया है ताकि यह बताया जा सके कि कानून सब कुछ नहीं होते हैं। कानून से बढ़कर भी मुहब्बत तथा इंसानियत होती है। जिसमें एक मनुष्य दूसरे मनुष्य के लिए कुछ करने को प्रेरित हो जाता है। लेखिका का भाई जब अपनी बहन को लाहौरी नमक यह कहकर ले जाने के लिए मना कर देता है कि यह कानून जुर्म है, तो लेखिका उसे यह बात बताती है। वह भाई को समझना चाहती है कि मनुष्य मात्र कानून का गुलाम नहीं है। कानून का आदर-सम्मान सबको करना चाहिए। लेकिन जब बात प्रेम और इंसानियत की हो तो उसे इन्हें छोड़ देना चाहिए।