लेखक के अनुसार स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रैजडी क्या है?
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लेखक के अनुसार स्वातंत्र्योत्तर भारत के शासन वर्ग ने औद्योगीकरण को भारत के विकास और प्रगति के रूप में चुना। उनका मानना था कि औद्योगीकरण को अपना कर भारत को पुनः अपने पैरों पर खड़ा किया जा सकता है। यह मात्र पश्चिमी देशों की नकल स्वरूप थी। हमने इस भेड़चाल में जो प्रकृति और संस्कृति से प्रेमभरा संबंध था, उसे नष्ट कर डाला। हम चाहते तो यह प्रयास कर सकते थे कि यह संबंध भी नष्ट नहीं होता और हम विकास और प्रगति को प्राप्त कर जाते। हमने अपनी क्षमताओं पर विश्वास ही नहीं किया और पश्चिमी देशों की नकल करने पर उतारू हो गए। यही स्वातंत्र्योत्तर भारत की ट्रेजडी है।