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लुट्टन पहलवान ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं, यही ढोल है?

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Solution

लुट्टन पहलवान जब पहली बार पहलवानी करने दंगल में जाता है, तो एकमात्र ढोल की आवाज़ होती है, जो उसे अपना साहस बढ़ाती नज़र आती है। ढोल की हर थाप में वह एक निर्देश सुनता है, जो उसे अगला दाँव खेलने के लिए प्रेरित करती है। यही कारण है कि लुट्टन पहलवान ढोल को अपना गुरु मानता है।

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