Q. Read the following passage(s) and answer the items that follow each passage. Your answers to these items should be based on the passages only.
PASSAGE 1
Mythology is magic realism in the sense that there is some realism and a lot of magic in the fabric of mythology, woven into legendary tales with supernatural objects and supernatural powers. Myths also show the extremes of human behaviour, dilemmas, attitudes and paradoxes. Take out the imagination and the tale slackens into humdrum homily.
Now, imagination we have a plenty with aerial vehicles, multiple heads and arms, all kinds of yantras (contraptions) that can, at one remove, be claimed as sci-fi or hi-fi apparatus, all invented by fecund imagination rooted in a mythological past. In this we are no different from other societies with an ancient past. Can we, on the basis of this, say that modern inventions existed in that past? This takes us, with another sweeping flight of imagination, into the belief that all imagined objects were actually part of the material inventions of the past. And when the myths enter into people’s beliefs, mythology gets entangled with religion.
Of course, imagination has been a powerful creative force and continues to be. And we have myths today that encapsulate our current imagination. If we read Jules Verne or Arthur C. Clarke we are swept into the era of the space odyssey, even if the spaces are distinctly different. Or if we take George Orwell’s 1984, we are taken into the era of an authoritarian system of robot-and-computer-like people taking over and ruling us. Such imagination, on occasion, has turned out to be prophetic. But there is a substantial difference. This imagination sometimes makes a link with reality as projected for the future, whereas in India today the claim is that it connects to a reality from our past. So where is this to be placed in time — in the future or in the past?
Mythology should be read as mythology, and therefore with a rich, and separate identity. Ancient myth-makers, among the Egyptians, Greeks, Indians, Chinese and others, saw myth as involving gods and the supernatural, so it is perhaps sensible not to confuse it with history or science. Myths are old legends; history is what is thought to have happened, of which science is a part
Q2. Author establishes relationship between myths and religion in the passage. Choose the right option which explains this relationship.
निम्नलिखित परिच्छेदों को पढ़िए और प्रत्येक परिच्छेद के आगे आने वाले प्रश्नों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नों के आपके उत्तर इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
पौराणिक कथाएँ इस अभिप्राय से मायावी यथार्थ हैं कि इनमें थोड़ा यथार्थ है, साथ ही पौराणिक कथाओं के ताने-बाने में माया से बुनी हुई अलौकिक वस्तुओं और अलौकिक शक्तियों की बहुत-सी प्रचलित कथाएँ हैं। इन कल्पित कथाओं में मानव आचरण, असमंजस, मनोभाव और विरोधाभास की पराकाष्टा दर्शाई जाती है। इन कथाओं में से यदि कल्पना को हटा दिया जाए तो कथाएँ शिथिल हो कर नीरम प्रवचन रह जाएँगी।
अब, हमारी कल्पनाशीलता तो प्रचुर है, जिसमे आकाशीय वाहन, अनेक मस्तक और भुजाएँ, अनेक प्रकार के यंत्र, जिनके बारे में वैज्ञानिक कल्पना या उच्च शक्ति उपकरण होने का दावा किया जा सकता है, जिनके आविष्कार का आधार हमारी पौराणिक अतीत वाले अन्य समुदायों से भिन्न नहीं हैं। क्या इस आधार पर हम कह सकते हैं कि आधुनिक अविष्कार अतीत में भी उपलब्ध थे? यह हमें एक अन्य व्यापक कल्पना की उड़ान पर उस विश्वास की ओर ले जाते हैं कि सभी कल्पित वस्तुएं वास्तव में अतीत के भौतिक अविष्कारों का ही भाग थी। और जब यह कल्पित कथाएँ लोगां के विश्वास में प्रवेश कर जाती हैं तो पौराणिक कथाएँ धर्म में उलझ कर रह जाती हैं।
निसंदेह, कल्पनाशीलता एक रचनात्मक शक्ति थी और अब भी है। वर्तमान में कुछ ऐसी कथाएँ हैं, जो हमारी वर्तमान कल्पना को सम्पुटित करती हैं। यदि हम जूल्स वेर्ने या आर्थर सी, क्लार्क को पढ़ते हैं तो हम अंतरिक्ष यात्रा के युग में पहुंच जाते हैं, भले ही वे अंतरिक्ष बहुत-ही भिन्न हैं। या जब हम जॉर्ज ऑरवेल की पुस्तक ‘‘1984’’ पढ़ते हैं तो हम ऐसे दबंग शासन प्रणाली के युग में पहुंच जाते हैं जहां रोबोट-कंप्यूटर जैसे लोगों ने सत्ता को हथिया लिया है और वे हम पर शासन कर रहे हैं। कई अवसरों पर इस प्रकार की कल्पना भविष्य सूचक भी सिद्ध हुई है। परन्तु उनमे बहुत ही ठोस अंतर है। इस कल्पना में कई बार भविष्य के लिए प्रस्तावित भविष्य से कड़ियाँ जुड़ जाती हैं, जबकि भारत में यह दावा किया जा रहा है कि यह हमारे अतीत की वास्तविकता से जुड़ी हुई हैं। तो समय के चक्र में इसे कहाँ रखा जाना है- भविष्य में या अतीत में ?
पौराणिक कथाओं को पौराणिक कथाओं के रूप में ही एक समृद्ध और विभिन्न पहचान के साथ पढ़ा जाना चाहिये। मिस्त्र, यूनानी, भारतीय, चीनी और अन्य प्राचीन कथा-लेखकों ने इस कथाओं में देवताओं और अलौकिक शक्तियों को सम्मलित किया। इसीलिए शायद बुद्धिमता इसी में है कि इनको इतिहास या विज्ञान से उलझाया नहीं जाये। पौराणिक कथाएं पुरातन किंवदंतियां हैं; इतिहास वह है जिसे घटित माना जा चुका है और विज्ञान भी उसका एक अंग है।
Q2. इस परिच्छेद में लेखक धर्म और पौराणिक कथाओं के बीच संबंध स्थापित करता है। इस संबंध की व्याख्या करने के लिए सही विकल्प का चयन करें।