प्रेम सत्य है, सुंदर है- प्रेम के विभिन्न रूपों को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर परिचर्चा करें।
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Solution
यह कथन सत्य है; प्रेम सत्य है और सुंदर है। प्रेम ऐसा भाव है, जिसे हो जाए उसका जीवन बदल जाता है। यहाँ पर हम प्रेमी-प्रेमिका के मध्य होने वाले प्रेम की बात नहीं कर रहे हैं। हम उस प्रेम की बात कर रहे है, जो पवित्र भावना है। यह भक्त का भगवान से, माँ का बच्चे से, पिता का अपनी संतान से, भाई का बहन से, गुरु का शिष्य से, मित्र का मित्र से, मनुष्य का पशु-पक्षियों से, पशु-पक्षियों का हमसे, विद्यार्थी का पढ़ाई से, डॉक्टर का अपने मरीज से, मछलियों का पानी से, पक्षियों का आकाश से इत्यादि प्रेम की बात कर रहे हैं। इस भावना से मनुष्य खोता कुछ नहीं है। बस पाता ही पाता है। जिसे प्रेम हो जाता है, उसे सारा संसार सुंदर दिखाई देता है। यह शाश्वत सत्य है, जो सदियों से मनुष्य के साथ है। इसके कारण ही यह संसार जीने योग्य है। प्रेम की भावना ही विश्वास और सुरक्षा के बीजों का रोपण करती है। जिससे प्रेम हो जाए, तब कुरुपता का कोई स्थान नहीं रहता है। कुरुपता में भी सुंदरता आ जाती है।