परिच्छेद 3
कोई तर्क दस में से नौ बार ऐसी स्थिति पर समाप्त होता है, जिसमें प्रत्येक प्रतियोगी पहले से कहीं अधिक दृढ़तापूर्वक आश्वस्त होता है। कि वह बिल्कुल सही है। आप किसी तर्क को जीत नहीं सकते। आप ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि यदि आप अपना तर्क सही सिद्ध करने में विफल रहते हैं तो आप पराजित हो जाते हैं, और आप यदि सफल हो जाते हैं तब भी आप पराजित हो जाते हैं। ऐसा क्यों है? अच्छा, तो मान लीजिए कि आप किसी अन्य व्यक्ति पर विजय प्राप्त कर लेते हैं और उसके तर्क को गलतियों से भरा हुआ सिद्ध कर निरस्त करने में सफल हो जाते हैं और सिद्ध कर देते हैं कि वह व्यक्ति तुच्छ है। उसके बाद क्या होगा? आपको अपनी जीत की खुशी होगी। किंतु उस व्यक्ति का क्या?
Q. निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प उपर्युक्त परिच्छेद में दिए गए तर्क का सर्वोत्तम औचित्य है?