Q. Comptroller and Auditor General of India is guardian of the public purse for both centre and state. With reference to this constitutional body, consider the following statements:
Which of the above given statements is/are incorrect?
Q. भारतकानियंत्रकऔरमहालेखापरीक्षक(CAG) केंद्रऔरराज्यदोनोंकीसार्वजनिकसंपत्तिकासंरक्षकहै।इससंवैधानिकनिकायकेसंदर्भमें, निम्नलिखितकथनोंपरविचारकरें:
ऊपर दिए गए कथनों में कौन सा/से गलत है/हैं?
Explanation:
Statement 1 is correct: Article 148(4) of the constitution states that the Comptroller and Auditor General (CAG) shall not be eligible for any further office either under the Government of India or under any State Government, after he ceases to hold his office.
Statement 2 is incorrect: The Public Accounts Committee was introduced in 1921 after its first mention in the Government of India Act, 1919. The Committee examines how the Government spends public money. It also examines the report submitted by CAG in detail. However, the committee does not represent CAG in any way in the parliament.
Note: To ensure independence of the Comptroller and Auditor General of India, the CAG cannot be represented in Parliament (both Houses) by any minister and no minister can be called upon to take any responsibility for any actions done by him.
Statement 3 is correct:
The administrative expenses of the office of the CAG, including all salaries, pensions and allowances of persons serving in that office, is to be charged upon the CFI (Consolidated Fund of India). Thus, they are not subject to the vote of Parliament.
व्याख्या :
कथन 1 सही है: संविधान के अनुच्छेद 148 (4) में कहा गया है कि अपने पद से हटने के बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी भी पद के लिए पात्र नहीं होगा।
कथन 2 गलत है: लोक लेखा समिति को 1921 गठित की गयी थी ।पहली बार भारत सरकार अधिनियम, 1919 में इसका उल्लेख किया गया था।समिति जांच करती है कि सरकार जनता का पैसा कैसे खर्च करती है।यह कैग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की भी विस्तार से जाँच करती है।हालांकि,समिति संसद में किसी भी रूप में सीएजी का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
नोट :भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए, कैग को किसी भी मंत्री द्वारा संसद (दोनों सदनों) में उपस्थित नहीं किया जा सकता है और किसी भी मंत्री को उसके द्वारा किए गए कार्यों के लिए कोई ज़िम्मेदारी लेने के लिए नहीं कहा जा सकता है।
कथन 3 सही है:
कैग कार्यालय के प्रशासनिक व्यय, जिसमें उस कार्यालय में कार्य करने वाले सभी व्यक्तियों के वेतन, पेंशन और भत्ते शामिल हैं, सीएफआई (भारत के संचित निधि) पर भारित होते हैं।इस प्रकार, वे संसद के वोट के अधीन नहीं हैं।