Q. Consider the following statement regarding the Provisions of the Panchayats (Extension to the Scheduled Areas) Act, 1996:
Which of the statements given above is/are incorrect?
Q. पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 के प्रावधानों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में कौन सा/से कथन गलत है/हैं?
Explanation:
Statement 1 is correct: The provisions of Part IX of the Constitution relating to the panchayats are not applicable to the fifth Schedule areas. However, the Parliament may extend these provisions to such areas, subject to such exceptions and modifications as it may specify. Under this provision, the parliament has enacted the “Provisions of the panchayats (Extension to the scheduled Areas) Act, 1996, popularly known as the PESA Act or the Extension Act. The PESA Act is exclusively for fifth Schedule areas.
Statement 2 is incorrect: The reservation of seats in the scheduled areas in every Panchayat shall be in proportion to the population of the communities for whom reservation is sought to be given under Part IX of the constitution. However, the reservation for the Scheduled Tribes shall not be less than one-half of the total number of seats. Further, all seats of chairpersons of Panchayats at all levels shall be reserved for the Scheduled Tribes.
Statement 3 is incorrect: It doesn’t empower the Governor to nominate Scheduled Tribes, but empowers the State Government to nominate such Scheduled Tribes which have no representation in the panchayat at the intermediate level or the panchayat at the district level. But such nominations shall not exceed one-tenth of the total members to be elected in that Panchayat.
व्याख्या:
कथन 1 सही है: पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX का प्रावधान पाँचवीं अनुसूची के क्षेत्रों पर लागू नहीं होता है। हालाँकि, संसद इन प्रावधानों को ऐसे क्षेत्रों तक विस्तारित कर सकती है, जो इस तरह के अपवादों और संशोधनों के अधीन हो सकते हैं। इस प्रावधान के तहत, संसद ने "पंचायत(अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम,1996 को पारित किया, जिसे PESA अधिनियम या विस्तार अधिनियम के रूप में जाना जाता है। PESA अधिनियम विशेष रूप से पाँचवीं अनुसूची के क्षेत्रों से संबंधित है।
कथन 2 गलत है: प्रत्येक पंचायत में अनुसूचित क्षेत्रों में सीटों का आरक्षण उस समुदाय की जनसंख्या के अनुपात में होगा जिसके लिए आरक्षण का प्रावधान संविधान के भाग IX के तहत किया गया है। हालाँकि, अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण कुल सीटों की संख्या के आधे से कम नहीं होगा। इसके अलावा, सभी स्तरों पर पंचायत अध्यक्षों की सभी सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित होंगी।
कथन 3 गलत है: इसमें राज्यपाल को अनुसूचित जनजातियों को मनोनीत करने का अधिकार नहीं दिया गया है, अपितु राज्य सरकार को ऐसी अनुसूचित जनजातियों को मनोनीत करने का अधिकार है, जिनका पंचायत में मध्यवर्ती स्तर पर या जिला स्तर पर पंचायत में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। ज्ञात हो कि यह मनोनयन उस पंचायत में चुने जाने वाले कुल सदस्यों के दसवें हिस्से से अधिक नहीं होगा।